पटना। बिहार में अब तक जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें बेतिया में 8 और गोपालगंज में 10 मौतों की आधिकारिक पुष्टि हुई है. गोपालगंज में आज पिछले दो दिनों में जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की और साथ ही नकली शराब से 10 लोगों की मौत हुई है. गोपालगंज में गुरुवार को जिन दो मरीजों की मौत हुई उनमें मोहम्मदपुर के सूरज राम और बलराम राम शामिल हैं.

पश्चिम चंपारण जिले में चार महीने में दूसरी बार शराब पीने से लोगों की मौत को लेकर पुलिस प्रशासन से पूछताछ हुई है. एक घटना नौतन थाना क्षेत्र के दक्षिणी तेलहुआ गांव की है. मरने वाले सभी लोग दक्षिण तेलहुआ पंचायत के वार्ड क्रमांक 2,3,4 के रहने वाले हैं, जिन्होंने बीती शाम गांव के चमारटोली में मुन्ना राम के घर शराब पी थी, जिसके बाद सभी की तबीयत बिगड़ गई, जिसमें से कुछ लोग घर पहुंच गए. लेकिन कुछ की अस्पताल में मौत हो गई. वहीं एक दर्जन लोग अभी भी निजी और सरकारी अस्पतालों में भर्ती हैं, जिनका इलाज चल रहा है.

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ग्रामीणों में पुलिस प्रशासन के खिलाफ गुस्सा भी देखा जा रहा है. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यह प्रदेश के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद का गृह प्रखंड क्षेत्र है और गृह जिले में शराब से इतने लोगों की मौत के बाद प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने एक बार फिर इस पर सवाल खड़ा कर दिया है.

बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी है, लेकिन यहां जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या जारी है. साल 2021 में अब तक 15 अलग-अलग घटनाओं में जहरीली शराब से 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. अगर यही दर जारी रही तो इस साल यह आंकड़ा सौ को पार कर जाए तो कोई हैरानी की बात नहीं है.

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