कुंदन कुमार/ पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के महागठबंधन को लेकर सियासी घमासान तेज हो चुका है। नेता प्रतिपक्ष और राजद के मुखिया तेजस्वी यादव देर रात पटना लौटे, लेकिन उनकी दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात नहीं हो सकी। यह मुलाकात महागठबंधन की सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही थी। इस बीच कांग्रेस ने पहले ही अपने 76 प्रत्याशियों की सूची चुनाव आयोग को सौंप दी है वहीं माकपा-माले ने भी अपने उम्मीदवारों को टिकट देना शुरू कर दिया है। लेकिन दोनों पार्टियां बिना गठबंधन के सीट साझा करने के फॉर्मूले को लेकर अनबन में हैं।
महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर अड़चन
कांग्रेस की दिल्ली में हुई हाईलेवल बैठक में यह साफ कर दिया गया कि इस बार सीट शेयरिंग में किसी प्रकार की कोई रियायत नहीं होगी। कांग्रेस ने बिहार की सभी 243 सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार करने को कहा है। बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नेताओं को दिल्ली में ठहरने का आदेश दिया ताकि वे सीट वितरण के मसलों को सुलझा सकें। वहीं राजद के भीतर भी सीटों को लेकर उलझनें बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को लालू यादव ने राजद उम्मीदवारों को सिंबल बांटे थे लेकिन खबर है कि रात में उनसे कुछ सिंबल वापस भी ले लिए गए हैं।
तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी पटना लौटे
दिल्ली से पटना लौटे तेजस्वी यादव और जनता दल (यू) के नेता मुकेश सहनी ने गठबंधन को लेकर आश्वासन दिया है कि हालात अब बेहतर हैं। पटना एयरपोर्ट पर दोनों नेता अलग-अलग निकले और बातचीत नहीं हुई लेकिन दोनों ने एक ही बात दोहराई कि अगले एक-दो दिन में सीट शेयरिंग और गठबंधन को लेकर सब कुछ साफ हो जाएगा। मुकेश सहनी ने कहा गठबंधन बीमार था अब सही हो रहा है। कोई नाराजगी नहीं है तेजस्वी यादव ने भी कहा एक-दो दिनों में घोषणा हो जाएगी सब ठीक है।
राजद के टिकट वितरण की अटकलें
राजद के भीतर टिकट वितरण की खबरें भी चर्चा में हैं। बेगूसराय की मटिहानी सीट से बोगो सिंह और भोजपुर के संदेश से दीपू यादव को पार्टी का सिंबल दिया गया है। जदयू से राजद में आए संजीव सिंह को भी टिकट मिला है। एक और बड़ी खबर यह है कि तेजस्वी यादव का राघोपुर से टिकट लगभग पक्की मानी जा रही है और 15 अक्टूबर को वे वहां से नामांकन करेंगे।
महागठबंधन के संकट की झलक
दिल्ली में हुई कांग्रेस की हाईलेवल मीटिंग के दौरान राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने ट्विटर पर एक गूढ़ संदेश लिखा, जिसमें उन्होंने गठबंधन की मजबूती और टूटने से बचाने की बात कही। उनके इस पोस्ट पर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और श्रीनिवास बीवी ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। यह ट्वीट्स इस बात की ओर इशारा करते हैं कि महागठबंधन के बीच मतभेद तो हैं लेकिन अभी भी उसे जोड़कर रखने की कोशिशें जारी हैं।
चुनावी घमासान के बीच गठबंधन की चुनौती
बिहार चुनाव में महागठबंधन की सबसे बड़ी चुनौती है सीट शेयरिंग का फार्मूला तय करना। कांग्रेस और राजद दोनों ही दल अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची पर जोर दे रहे हैं। वहीं माकपा-माले और अन्य घटक दल भी बिना पूरी समझ के टिकट बांट रहे हैं। यह असमंजस और विलंब चुनाव के नतीजों पर असर डाल सकता है। नेताओं के बीच बातचीत जारी है लेकिन जनता की नजरें अगले एक-दो दिनों में होने वाली घोषणा पर टिकी हैं।
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