पटना। बिहार की राजनीति का तापमान तेजी से चढ़ रहा है। विधानसभा चुनाव की घोषणा जल्द होने वाली है। सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते में तारीखों का ऐलान कर सकता है। आयोग ने SIR के तहत मतदाता सूची का प्रकाशन पूरा कर लिया है और अब चुनावी प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। माना जा रहा है कि इस बार मतदान दो या तीन चरणों में होगा।

त्योहारों के बाद चुनाव

माना जा रहा कि चुनाव आयोग धार्मिक त्योहारों के बाद ही चुनावी तारीखें तय करेगा। दुर्गा पूजा और दशहरा के बाद चुनाव की घोषणा हो सकती है, जबकि मतदान की तारीखें छठ पूजा के बाद रखी जाने की संभावना है। अनुमान है कि नवंबर के महीने में मतदान होगा और 15 से 20 नवंबर के बीच मतगणना कराई जा सकती है। आयोग ने साफ किया है कि 22 नवंबर की डेडलाइन से पहले पूरी चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

NDA का समीकरण

इस समय बिहार की सत्ता पर NDA काबिज है।

मौजूदा स्थिति के अनुसार—

जनता दल यूनाइटेड (JDU) – लगभग 102 सीटें

भारतीय जनता पार्टी (BJP) – लगभग 101 सीटें

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) [LJP(RV)] – लगभग 20 सीटें

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM-S) – लगभग 10 सीटें

राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) – लगभग 10 सीटें

कुल मिलाकर NDA की पकड़ मजबूत है और वह सत्ता बचाने की कोशिश में है।

महागठबंधन का समीकरण

विपक्षी दल महागठबंधन भी अपनी ताकत के साथ मैदान में है।

मौजूदा आंकड़े कुछ इस तरह हैं—

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) – लगभग 75 सीटें

कांग्रेस (INC) – लगभग 27 सीटें

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) – लगभग 16 सीटें

सीपीआई (मार्क्सवादी) – लगभग 9 सीटें

अन्य सहयोगी दल – लगभग 26 सीटें

यानी महागठबंधन के खाते में करीब 153 सीटें हैं, जो इसे NDA के लिए गंभीर चुनौती बनाती है।

समीकरण और मुकाबला

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार का चुनाव सीधा NDA और महागठबंधन के बीच का होगा। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के सामने सत्ता बचाने की चुनौती है, वहीं महागठबंधन तेजस्वी यादव को सीएम चेहरा बनाकर आक्रामक तैयारी कर रहा है। दूसरी ओर, चिराग पासवान की LJP (रामविलास) भी NDA के साथ मिलकर दलित और युवा वोट बैंक साधने की कोशिश में जुटी है। वहीं इस बार जन सुराज भी मैदान में उतरेंगी। प्रशांत किशोर का मानना है कि इस बार जनता उनका ही साथ देगी। अब देखना है कि इस बार किस​के सिर ताज सजने वाला है।

नतीजा क्या कहता है?

अभी की स्थिति में NDA बहुमत में है, लेकिन महागठबंधन की 153 सीटें उसे मजबूत विपक्ष बनाती हैं। यह साफ हो गया है कि 2025 का चुनाव बेहद रोमांचक और कांटे का मुकाबला होने जा रहा है। बिहार की सियासत की बिसात पर हर चाल वोटरों के मूड को प्रभावित करेगी।

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