पटना। बिहार विधानसभा का मानसून सत्र अपने अंतिम दिन पर पहुंच चुका है, लेकिन सत्र के समापन से पहले ही सियासी तापमान चरम पर है। गुरुवार को सदन में हुए तीखे वाक्युद्ध और मारपीट की स्थिति ने राजनीतिक गलियारों को गर्मा दिया है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच चल रही तल्खी अब व्यक्तिगत हमलों तक पहुंच चुकी है।

वोटर लिस्ट में गड़बड़ी

गुरुवार को सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया में फर्जीवाड़े का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य में BLO खुद साइन करके वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने पत्रकारों पर दर्ज हो रहे FIR को लेकर भी सवाल उठाया और पूछा कि पत्रकारों पर केस करने वाले सरकार के लोग आखिर होते कौन हैं।

सदन का माहौल गर्मा दिया

तेजस्वी के इन आरोपों से तिलमिलाए डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने सदन में ही तीखी प्रतिक्रिया दी और व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए कहा, “जिसका बाप अपराधी है, वो क्या बोलेगा। चल हट…लुटेरा हो-लुटेरा।” इस बयान ने सदन का माहौल और ज्यादा गर्मा दिया। इसके बाद सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया और देखते ही देखते बीजेपी के एक विधायक ने माइक तोड़कर विपक्षी विधायकों की ओर दौड़ लगा दी। जवाब में राजद विधायक भी अपनी सीट छोड़कर सत्ता पक्ष की ओर बढ़े। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मारपीट की नौबत आ गई और विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

लोकतंत्र का क्या भविष्य होगा?

सदन के बाहर तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के विधायकों ने उन्हें गाली दी। उन्होंने कहा कि अगर सदन में बहस की गरिमा नहीं रह गई तो लोकतंत्र का क्या भविष्य होगा।

डिप्टी सीएम का बुखार उतार देता

इधर, लालू यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव ने सम्राट चौधरी पर पलटवार करते हुए कहा, “अगर मैं सदन में होता तो डिप्टी सीएम का बुखार उतार देता। ये लोग गुंडा पार्टी से आते हैं। किसी के पिता को गाली देना कहां तक सही है। अगर कोई घर-परिवार तक बात लाएगा तो इंसान चुप थोड़े बैठेगा।”

राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी

इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल सदन की कार्यवाही को बाधित किया, बल्कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है।