सोहराब आलम/ मोतिहारी पूर्वी चम्पारण। बुधवार को देशभर में केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा घोषित भारत बंद के समर्थन में बिहार में विपक्षी दलों ने चक्का जाम का आह्वान किया। INDIA गठबंधन के नेतृत्व में कांग्रेस, राजद, भाकपा माले, सीपीएम, सीपीआई सहित कई विपक्षी दलों ने सुबह से सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे है। इस हड़ताल का मुख्य उद्देश्य चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के विरोध में आवाज उठाना है।
वोटबंदी चुनाव किया जा रहा
मतदाता पुनरीक्षण के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ता सड़कों पर हैं बिहार बन्द का आवाहन राष्ट्रीय जनता दल ने किया है और उसी को लेकर मोतिहारी के छतौनी बरियारपुर और मीना बाजार सहित विभिन्न चौक चौराहों पर राजदान के कार्यकर्ताओं ने बिहार बंद को सफल बनाने के लिए एनएच 27 A को जाम कर दिया और चुनाव आयोग से मतदाता पुनरीक्षण कार्य को रोकने की मांग की। वहीं कार्यकर्ताओं ने बिहार बन्द के दौरान गाड़ियों को रोकते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद यह वोटबंदी चुनाव आयोग के द्वारा किया जा रहा है जिससे गरीबों की परेशानी बढ़ गई है इसी को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ता सड़कों पर हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
लोकतंत्र के लिए खतरा
बिहार बंद के दौरान प्रदेश भर में आम जनजीवन प्रभावित हुआ। बैंक, बीमा कार्यालय, कोयला खदानें और सरकारी प्रतिष्ठान बंद रहे। INDIA गठबंधन ने आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग जिन 11 दस्तावेजों को मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए आवश्यक बता रहा है, वे दस्तावेज गरीब और वंचित तबकों के पास नहीं हैं। इससे करोड़ों लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।
राहुल गांधी भी होंगे शामिल
इस मुद्दे को लेकर बिहार में बड़े स्तर पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव खुद सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे हैं। बुधवार सुबह 11 बजे दोनों नेताओं ने भारत बंद के समर्थन में संयुक्त रूप से मार्च करने की बात कही है, जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नेता शामिल हो सकते है।
रणनीति का स्पष्ट संकेत दे दिया
बिहार के दरभंगा, आरा, वैशाली और जहानाबाद जैसे जिलों में बंद का व्यापक असर देने को मिल सकता है। जहानाबाद में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने स्टेशन पहुंचकर ट्रेनों की आवाजाही को रोक दिया। पुलिस बल मौके पर मौजूद है और प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अडिग रहे। कुल मिलाकर, भारत बंद और बिहार बंद के जरिए विपक्षी दलों ने चुनावी वर्ष में सरकार और निर्वाचन आयोग के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए अपनी रणनीति का स्पष्ट संकेत दे दिया है।
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