पटना। बिहार के चंपारण के रहने वाले 18 वर्षीय आदर्श कुमार ने पूरी दुनिया को पीछे छोड़ते हुए ‘ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज 2025’ अपने नाम कर लिया है। लंदन में आयोजित समारोह में उन्हें एक लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 83 लाख रुपये) की धनराशि के साथ इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया। इस पुरस्कार के लिए दुनिया के 148 देशों से आए लगभग 11,000 आवेदनों में आदर्श को सबसे योग्य माना गया। यह सम्मान चेग इंक (Chegg Inc) द्वारा उन छात्रों को दिया जाता है, जो शिक्षा और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में अग्रणी भूमिका निभाते हैं।

गरीबी में पले-बढ़े, मां ने की दूसरों के घरों में काम

आदर्श की सफलता की कहानी संघर्षों से भरी है। उनका पालन-पोषण अकेली मां ने किया, जो दूसरों के घरों में झाड़ू-पोंछा कर के उन्हें पढ़ाया करती थीं। मां ने अपनी पूरी जमा-पूंजी खर्च कर आदर्श को एक लैपटॉप दिलाया, जिससे उन्होंने यूट्यूब और गूगल से ‘कोडिंग’ सीखी।

8वीं में पहला स्टार्टअप, 14 की उम्र में कोटा पहुंचे

आदर्श ने आठवीं कक्षा में अपना पहला स्टार्टअप शुरू किया जो असफल रहा लेकिन हार नहीं मानी। 14 साल की उम्र में वो मात्र 1000 रुपये लेकर कोटा पहुंचे जहां उन्होंने कोचिंग के लिए पैसे न होने पर मुफ्त वाई-फाई का सहारा लेकर ईमेल भेजे और खुद के लिए मौके बनाए।

मिशन बदलाव’ और ‘स्किलज़ो’ से किया समाज में बड़ा असर

आदर्श का दूसरा प्रयास ‘मिशन बदलाव’ के रूप में सामने आया, जिसने 1,300 से ज्यादा परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया। इसके बाद उन्होंने ‘स्किलज़ो’ नामक मंच शुरू किया, जिसने 20,000 से अधिक वंचित छात्रों को उद्यमिता कौशल, मार्गदर्शन और छात्रवृत्तियों का लाभ दिलाया।

सम्मानित होकर बोले आदर्श , बड़े सपने देखें

पुरस्कार लेने के बाद आदर्श ने कहा यह मेरे लिए अविश्वसनीय है। मैं युवाओं से कहना चाहता हूं कि बदलाव की शुरुआत खुद से करें और दुनिया को बेहतर बनाएं। जो सपने देखने की हिम्मत रखते हैं दुनिया उनका सम्मान करती है।

चेग इंक के CEO ने की तारीफ

चेग इंक के CEO नाथन शुल्ट्ज़ ने आदर्श को युवाओं के साहस और परिवर्तनकारी सोच का प्रतीक बताया और कहा कि यह कहानी बताती है कि अगर छात्रों को मंच मिले तो वे दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।