कुन्दन कुमार/पटना। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एक और अहम कदम उठाया है। पार्टी ने आज तीसरी सूची जारी करते हुए अपने 40 और प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। इससे पहले भी बसपा ने दो सूचिया जारी कर चुकी है, जिनमें कई विधानसभा क्षेत्रों से उम्मीदवारों के नाम सामने आए थे। यह स्पष्ट संकेत है कि बसपा इस बार बिहार में पूरी ताकत के साथ अकेले चुनाव मैदान में उतरने जा रही है।
40 उम्मीदवारों के नाम आए सामने
आज जारी की गई तीसरी सूची में राज्य के विभिन्न जिलों से उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है। इन प्रत्याशियों में सभी वर्गों और समुदायों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है। सूची में सामान्य, अनुसूचित जाति (अनु.जाति) और पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को जगह दी गई है। कुल मिलाकर यह सूची सामाजिक समरसता और राजनीतिक संतुलन का परिचायक है।
इस बार अकेले चुनाव लड़ेगी पार्टी
पार्टी ने स्पष्ट किया है कि बहन कुमारी मायावती के नेतृत्व में बसपा बिहार में बिना किसी गठबंधन के अकेले चुनाव लड़ेगी। पार्टी का मुख्य फोकस सामाजिक न्याय, दलित और पिछड़े वर्गों के उत्थान के मुद्दों पर है। बसपा का मानना है कि राज्य में एक ऐसी वैकल्पिक राजनीतिक ताकत की आवश्यकता है जो वंचितों की असली आवाज बने।
इन लोगों के नाम आए सामने
तीसरी सूची में उल्लेखनीय नामों में रामसेवक यादव (वाल्मीकिनगर), मो. नासिरुद्दीन रहमान (नरकटियागंज), तिलकधारी मंडल (छपरा), मनोज पासवान (बेगूसराय), अजहरुल हक (रघुनाथपुर), सुभाष कुमार राम (गोरेयाकोठी) जैसे प्रत्याशी शामिल हैं। वहीं दूसरी सूची में सविता देवी (महुआ), विनय कुमार राम (समस्तीपुर), संतोष राय (मोतिहारी), मनोज कुमार (मनेर), अखिलेश पाल (फुलवारी) जैसे नाम सामने आए थे। पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष शंकर महतो ने कहा कि बसपा जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास कर रही है। पार्टी की यह नीति रही है कि समाज के सभी वर्गों को बराबरी का हक मिले और उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाए।बसपा की लगातार तीन सूची जारी करना इस बात का संकेत है कि पार्टी पूरी गंभीरता के साथ चुनाव की तैयारी कर रही है। आने वाले दिनों में और भी नाम सामने आ सकते हैं। पार्टी का उद्देश्य है कि बिहार की राजनीति में एक नया विकल्प तैयार किया जाए जो भ्रष्टाचार, जातिवाद और परिवारवाद से मुक्त हो।बसपा के इस मजबूत कदम को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार की राजनीति में इस बार नया मोड़ आ सकता है।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें