पटना। बिहार में 10 वीं बार नीतीश कुमार की जब से शपथ ग्रहण किए हैं तब से इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में बुलडोजर है। नई सरकार गठन के बाद बिहार में शुरू हुई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस के पूर्व विधायक शकील अहमद खान ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने की मौजूदा मुहिम का सबसे अधिक असर गरीब और कमजोर परिवारों पर पड़ रहा है जबकि बड़े प्रभावशाली लोगों के अवैध कब्जों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
गरीबों की झोपड़ियां टूट रहीं
शकील अहमद खान ने राज्य के मंत्री सम्राट चौधरी को निशाने पर लेते हुए कहा कि सम्राट जैसा सम्मानजनक नाम होने के बावजूद अब उन्हें बुलडोजर राजनीति से जोड़ा जा रहा है। उनका कहना है कि यूपी की तर्ज पर बिहार में भी सबसे पहले गरीबों के घर तोड़े जा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि किसी भी अतिक्रमण हटाने से पहले प्रभावित परिवारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, अन्यथा यह सीधा अन्याय होगा।
विवादित शिलान्यास पर भी बोले
पश्चिम बंगाल में टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद जैसी संरचना की नींव रखने को लेकर भी शकील ने बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ऐसे संवेदनशील मुद्दों से राजनीतिक लाभ लेने की रणनीति पर काम करती है। उनके अनुसार, नफरत और ध्रुवीकरण जितना बढ़ता है, उससे भाजपा को उतना ही फायदा मिलता है।
बुलडोजर एक्शन बनेगा बड़ा राजनीतिक मुद्दा
बिहार में हालिया अतिक्रमण हटाने की कार्रवाइयों पर विपक्ष लगातार हमला कर रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार आने वाले दिनों में यह मुद्दा राज्य की राजनीति का बड़ा केंद्र बन सकता है।
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