पटना : केंद्र सरकार के द्वारा जाति आधारित जनगणना की मंजूरी मिल गई है। मोदी सरकार के इस फैसले को बिहार चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है। ये मंजूरी मिलना एक बड़ा राजनीतिक कदम है। इस फैसले के बाद जहां विपक्ष अपनी जीत बता रहा है वहीं राजनीतिक लोगों का मानना है कि बिहार चुनाव में NDA को इसका फायदा मिल सकता है हालांकि यह कदम कांग्रेस और RJD जैसे विपक्षी दलों की मांग पर आया है, जिससे उनका प्रमुख चुनावी मुद्दा छिन गया है। इस जनगणना से विभिन्न जातियों की जनसंख्या का आंकलन होगा और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में बेहतर नीतियां बनाई जा सकेंगी। यह तय है कि बीजेपी चुनाव में इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगी और विपक्ष की सियासी धार को कुंद करेगी।
नीरज कुमार बयान
उधर केंद्र सरकार की जाति आधारित जनगणना की मंजूरी मिलने के बाद पक्ष और विपक्ष के बयान सामने आ रहे हैं । बिहार जाति जनगणना को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के दावे पर जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “जाति जनगणना पर तेजस्वी यादव खुद को राजनीतिक सनसनी का पटाखा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि आपका जन्म 1989 में हुआ, आपके उपनाम ‘तरुण यादव’ के नाम पर फुलवरिया में ज़मीन लिखवाई गई। 1994 में नीतीश कुमार जातिगत जनगणना की सदन में आवाज़ बन गए थे।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार के द्वारा पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने के फैसला पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की प्रतिक्रिया सामने आई है । उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री को बधाई उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियों इसे राजनीति रंग दे रही थी रंग देना अब खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक फैसला है इससे निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में जातिगत जनगणना के बाद सामाजिक परिवेश का पता चलेगा एक बार फिर हम देश के प्रधानमंत्री को बधाई देते हैं।
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