कुंदन कुमार/पटना। बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत आज राज्य की करीब 25 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10000 की पहली किस्त ट्रांसफर की जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से इस योजना की औपचारिक शुरुआत करेंगे।
मुख्यमंत्री खुद करेंगे ट्रांसफर
इस अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, सहित राज्य सरकार के कई मंत्री शामिल होंगे। यह धनराशि महिलाओं को स्वरोजगार या छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहन के तौर पर दी जा रही है।
हर शुक्रवार जारी होगी राशि
सरकार ने योजना के तहत अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच कुल 14 तिथियों पर राशि के वितरण का कार्यक्रम तय किया है। प्रत्येक शुक्रवार को लाभार्थी महिलाओं के खातों में यह राशि भेजी जाएगी। हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि परिस्थितियों के अनुसार तिथियों में बदलाव संभव है, लेकिन भुगतान में कोई बाधा नहीं आएगी।
पीएम मोदी ने की थी शुरुआत
इस योजना की नींव 26 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से रखी थी, जब उन्होंने देशभर की 75 लाख महिलाओं के खातों में 10000 की राशि ट्रांसफर की थी। उस कार्यक्रम में जीविका दीदियों की सफलता की कहानियों ने सभी का ध्यान खींचा था। भोजपुर की रीता देवी और गया की नूरजहां खातून जैसी महिलाओं की बातें सुनकर प्रधानमंत्री ने उन्हें खूब सराहा था।
जन-धन खातों ने बदली तस्वीर
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि जन-धन योजना के अंतर्गत खोले गए बैंक खातों की वजह से ही आज यह संभव हो सका है कि योजनाओं की राशि सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंच रही है। पहले योजना की राशि बीच में ही रोक ली जाती थी लेकिन अब पूरी पारदर्शिता के साथ भुगतान हो रहा है।
कैसे मिलेगा लाभ? जानिए प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को जीविका स्वयं सहायता समूह या ग्राम संगठन (VO) के माध्यम से आवेदन करना होगा। जो महिलाएं किसी समूह से नहीं जुड़ी हैं, वे भी निर्धारित तिथियों पर आवेदन जमा कर सकती हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि राशि सीधे DBT के जरिए खाते में ट्रांसफर की जाएगी किसी प्रकार का बिचौलिया नहीं होगा।
राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम योजना
बिहार में महिला मतदाताओं की संख्या लगभग 3.39 करोड़ है। अनुमान है कि इस योजना से करीब 22% महिला वोटर्स को सीधा लाभ मिलेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह योजना सिर्फ महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में नहीं, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम कदम है, जो आने वाले समय में चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।
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