कुंदन कुमार/ पटना। बिहार में भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई को लेकर अब एक नई बहस छिड़ गई है। विजिलेंस की बढ़ती कार्रवाइयों से नाराज़ राज्य भर के अंचल अधिकारी (सीओ) अब खुले विरोध पर उतर आए हैं गर्दनीबाग में सैकड़ों सीओ एकजुट होकर धरने पर बैठ गए और विजिलेंस टीम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। धरना-प्रदर्शन की यह आग बेगूसराय से शुरू हुई, जहां हाल ही में एक सीओ को घूसखोरी के आरोप में विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था। अंचलाधिकारियों का आरोप है कि बिना ठोस सबूत के कार्रवाई की जा रही है और सीधे अधिकारियों को निशाना बनाया जा रहा है।

निगरानी पर भी निगरानी होनी चाहिए

अंचलाधिकारी संघ के अध्यक्ष आनंद कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा विजिलेंस की टीम अक्सर बिना पुख्ता सबूत के कार्रवाई करती है। घूस की रकम किसी और के पास मिलती है और गिरफ्तारी सीओ की होती है। यह अन्याय है। निगरानी विभाग की खुद की कार्यप्रणाली पर भी निगरानी जरूरी है।

हम 80% सरकारी काम करते हैं, फिर भी हम ही भ्रष्ट?

एक सीओ ने कहा हम लोग सरकार का 80% काम संभालते हैं आपदा राहत अतिक्रमण हटाना, भूमि विवाद सुलझाना कानून-व्यवस्था बनाए रखना और परीक्षा ड्यूटी तक निभाते हैं। फिर भी विजिलेंस की नजर में हम सिर्फ घूसखोर हैं। अगर सारे सीओ भ्रष्ट हैं तो सरकार का काम चल कैसे रहा है?

60% को ही सजा क्यों मिलती है?”

एक अन्य अधिकारी ने सवाल उठाया कि अगर विजिलेंस की जांच निष्पक्ष है, तो केवल 60% मामलों में ही सजा क्यों होती है? बाकी 40% लोग दोषमुक्त कैसे हो जाते हैं? इससे विजिलेंस की जांच प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े होते हैं।

मांगें नहीं मानी गईं तो होगा उग्र प्रदर्शन

सीओ संघ ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक दिवसीय प्रतीकात्मक धरना है। अगर बेगूसराय में गिरफ्तार अधिकारी को न्याय नहीं मिला तो वे डीजीपी से मुलाकात करेंगे और राज्यव्यापी आंदोलन की शुरुआत करेंगे।

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