पटना। बिहार में इस बार ठंड ने धीरे-धीरे दस्तक नहीं दी बल्कि एक झटके में आम लोगों की जिंदगी में घुसकर सिहरन बढ़ा दी है। सुबह उठते ही शहरों और गांवों में कोहरे की मोटी चादर दिखाई देती है, जिससे सड़कें मानो गायब-सी हो जाती हैं। लोगों को दफ्तर, स्कूल और बाज़ार तक जाने में दिक्कतें हो रही हैं। कैमूर में तापमान 9.9°C तक लुढ़क जाना इस बात का संकेत है कि सर्दी का असली दौर अभी बाकी है।

विजिबिलिटी 500 मीटर तक घटी

गया, कैमूर, पश्चिम चंपारण सहित कई जिलों में सुबह की दृश्यता घटकर 500 मीटर तक आ गई। दफ्तर जाने वालों स्कूली बच्चों और किसानों के लिए यह स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण बन गई है। सड़क पर वाहन रेंग-रेंगकर चलने को मजबूर हैं। कई बसें समय से देर से पहुंच रही हैं और ग्रामीण इलाकों में तो लोग अपने घरों से निकलने से पहले कोहरा छंटने का इंतजार कर रहे हैं।

तापमान में लगातार गिरावट

पिछले 24 घंटों में बिहार के कई जिलों में तापमान में 3-4°C की गिरावट दर्ज की गई है। किशनगंज जहां 28.4°C के साथ सबसे गर्म रहा, वहीं कैमूर 9.9°C के साथ सबसे ठंडा। आने वाले दिनों में पछुआ हवाएं 30 किमी/घंटा की रफ्तार से चलेंगी जिससे रात और सुबह और ज्यादा कड़ाके की हो सकती है। IMD ने पश्चिम और उत्तर बिहार के 10 जिलों में कोहरा बढ़ने का अलर्ट जारी किया है।

AQI भी बढ़ा

ठंड और कोहरे के साथ वायु गुणवत्ता भी बिगड़ रही है। पटना का AQI 202, गया का 219 और मुजफ्फरपुर का 215 दर्ज किया गया यानी स्वास्थ्य के लिए अनुचित स्थिति। ऐसी हवा बुजुर्गों, बच्चों और सांस के मरीजों के लिए और खतरनाक हो जाती है।