पटना। बिहार में 10वीं बार मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने शपथ ले ली है। इस बार के विधानसभा चुनाव में एनडीए को 202 सीटें मिली है जिसको लेकर विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है। एक बार फिर राजद ने बड़ा आरोप लगाया है। आरोप में राजद ने कहा कि बिहार में एनडीए को कैसे इतनी सीटें मिली और इसके पीछे क्या राज है।
पुरूषों के खाते में भेजे पैसे
राष्ट्रीय जनता दल ने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से लिखा कि बिहार में एनडीए नेताओं और एनडीए के अधिकारियों को रिश्वत देकर वोट खरीदने और सत्ता पाने की इतनी हड़बड़ी थी कि बेचारे भयंकर गड़बड़ी कर बैठे। बेचैनी और असुरक्षा इतनी ज्यादा थी कि महिलाओं की बजाय 10,000 रुपए पुरुषों के खाते में भेज दिए। अब पुरुषों को दस हजार रुपए लौटाने के लिए लव लेटर लिखे जा रहे है। बिहार में भुखमरी, महंगाई, पलायन और बेरोजगारी इतनी अधिक है कि ये हजार तो तो जिस वक्त डाले होंगे उसी समय खर्च हो गया होगा। बेचारे पुरुष अब यह लोन राशि बिल्कुल भी नहीं लौटायेंगे क्योंकि पहले उनका वोट लौटाओं।
बाहर आएगा सच
EVM, धांधली, वोट खरीदी, वोट चोरी और मशीनरी से बनाई सरकारों को कितने दिन छुपाओगे? सच एक दिन बाहर निकलेगा।
ये है मामला
दरभंगा जिले के अहियारी दक्षिणी पंचायत से सामने आए एक मामले ने राजनीतिक हलकों से लेकर आम लोगों तक को हैरानी में डाल दिया। सोशल मीडिया पर यह चर्चा तेज हो गई कि क्या बिहार सरकार अब पुरुषों को भी स्वरोजगार के लिए 10,000 की सहायता राशि देने लगी है। हालांकि जांच में इस दावे की सच्चाई कुछ और ही निकली।
मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार योजना से जुड़ा मामला
दरअसल यह राशि मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार योजना के तहत महिलाओं को दी जानी थी लेकिन तकनीकी त्रुटि के कारण 14 दिव्यांग पुरुषों के बैंक खातों में 10,000- 10,000 ट्रांसफर हो गए। यह गलती सिस्टम में डेटा एंट्री के दौरान हुई।
एक ही कॉलम में दर्ज थे महिला-पुरुष खाते
जानकारी के अनुसार ये सभी पुरुष जीविका के दिव्यांग समूह से जुड़े थे। इस समूह में महिला और पुरुष दोनों सदस्य शामिल हैं। सभी सदस्यों के बैंक खाते एक ही कॉलम में दर्ज होने के कारण सिस्टम में तकनीकी खराबी आ गई और राशि गलत खातों में चली गई।
जीविका ने किया स्पष्टीकरण
मामले की जानकारी मिलते ही जाले जीविका के बीपीएम देवदत्त ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार योजना केवल महिलाओं के लिए है और पुरुषों के लिए ऐसी कोई योजना लागू नहीं की गई है।
राशि लौटाने का निर्देश
बीपीएम की ओर से 14 दिव्यांग खाताधारकों को पत्र भेजकर राशि तत्काल जीविका के खाते में वापस करने को कहा गया है। अब तक एक लाभार्थी ने राशि लौटा दी है।
अफवाहों पर लगा विराम
जीविका के स्पष्टीकरण के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि पुरुषों को 10,000 देने की खबर पूरी तरह अफवाह थी। मामला केवल तकनीकी गड़बड़ी का है।
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