पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नामांकन का दौर जारी है और इसी कड़ी में राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को लखीसराय सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन के दौरान दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी मौजूद रहे। लखीसराय में रोड शो के दौरान भारी जनसमर्थन देखने को मिला लेकिन चर्चा सिर्फ उनके नामांकन की नहीं बल्कि उनके हलफनामे में दर्ज संपत्ति विवरण की हो रही है।

पत्नी सुशीला देवी संपत्ति में निकलीं आगे

विजय सिन्हा के हलफनामे से खुलासा हुआ है कि उनकी पत्नी सुशीला देवी संपत्ति के मामले में उनसे काफी आगे हैं। सुशीला देवी के पास कुल 2.81 करोड़ की चल संपत्ति है, जिसमें 450 ग्राम सोना (करीब 49.5 लाख) और 24 लाख की एसयूवी कार शामिल है। इसके अलावा, उनके पास शिवा इंटरप्राइजेज में 1.27 करोड़ की पूंजी बैलेंस भी है। इससे यह साफ झलकता है कि सुशीला देवी न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हैं बल्कि एक सफल निवेशक भी हैं।

विजय सिन्हा के पास हैं राइफल और रिवॉल्वर

हलफनामे के अनुसार विजय सिन्हा के पास 1.01 करोड़ की चल संपत्ति है। इसमें 55,000 नकद करीब 29 लाख बैंक खातों में और 45 लाख के शेयर निवेश शामिल हैं। उनके पास लगभग 90 ग्राम सोना (10 लाख) और राइफल व रिवॉल्वर भी हैं जिनकी कीमत 77,181 रुपये बताई गई है। यह दर्शाता है कि वे सुरक्षा और निवेश दोनों का संतुलन बनाए रखते हैं।

अचल संपत्ति में भी पत्नी आगे

विजय सिन्हा की अचल संपत्ति का कुल मूल्य 3.20 करोड़ है, जबकि उनकी पत्नी सुशीला देवी की अचल संपत्ति 4.59 करोड़ की है। यानी कुल मिलाकर दोनों की संयुक्त अचल संपत्ति करीब 7.79 करोड़ है। इस तरह दोनों की कुल संपत्ति 10 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।

आय, कर्ज और लंबित कर विवाद

हलफनामे के मुताबिक विजय सिन्हा पर 28.19 लाख और उनकी पत्नी पर 54.13 लाख का कर्ज है जो मुख्य रूप से एक्सिस बैंक से लिया गया है। दोनों पर कुल 82 लाख रुपये का देनदारी दर्ज है। विजय सिन्हा ने अपनी आय का स्रोत कृषि, मंत्री वेतन-भत्ता किराया और बैंक ब्याज बताया है जबकि उनकी पत्नी की आय व्यवसाय और कंपनी से वेतन से होती है। साथ ही उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि वर्ष 2014-15 का 39.14 लाख का एक आयकर मामला अब भी लंबित है।

राजनीति में महिला सशक्तिकरण की मिसाल

विजय सिन्हा के नामांकन के साथ भाजपा ने लखीसराय को रणनीतिक सीट के रूप में पेश किया है। वहीं सुशीला देवी की आर्थिक स्वतंत्रता और व्यावसायिक सक्रियता यह दर्शाती है कि बिहार की राजनीति में अब महिलाएं भी समान रूप से सशक्त भागीदारी निभा रही हैं।