कुंदन कुमार, पटना। बहुचर्चित गोपाल खेमका हत्याकांड मामले में नया मोड़ सामने आया है. पुलिस ने आज सोमवार (7 जुलाई) को दो और लोगों को हिरासत में लिया है. इससे पहले भी 5 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा चुकी थी. इस मामले में कुल सात लोग हिरासत में हैं. हालांकि, मुख्य हमलावर और हत्या के पीछे के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है.

पुलिस के सूत्रों के अनुसार, अपराधी घटना से पहले एक दलदली इलाके में मिले थे और तीन टीमों में बंटकर घटना को अंजाम दिया था. इस बीच घटना को लेकर बिहार डीजीपी विनय कुमार का बड़ा बयान सामने आया है.

जल्द होगा मामले का खुलासा- डीजीपी

गोपाल खेमका हत्याकांड लेकर बिहार डीजीपी विनय कुमार ने कहा है कि, पटना पुलिस की टीम और एसटीएफ की टीम कारगर ढंग से काम कर रही है. मैं कल एसटीएफ में जाकर के अनुसंधान किया था. काफी सारी प्रगति हुई है, लेकिन यह साझा नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि, हम उम्मीद कर रहे हैं कि बहुत जल्द ही इस कांड का खुलासा होगा.

‘निलंबित होंगे दोषी पुलिसकर्मी’

पुलिस घटनास्थल पर लेट से पहुंची के सवाल पर डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि, जहां पर घटना हुई, वहां से लेकर उन्हें अस्पताल लाया गया और वहां पर 12:30 बजे पहुंचे थे. कुछ मिनट के बाद कंकड़बाग थाना अध्यक्ष वहां पहुंच चुके थे. पुलिस की भी प्राथमिकता बनती है कि जो घायल थे, उन्हें पहले अस्पताल पहुंचाया जाए. उन्होंने आगे कहा कि, जांच की जा रही है, जो लोग दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि डीजीपी ने इस बात को माना कि पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में थोड़ा विलंब हुआ है, दोषियों को निलंबित किया जाएगा.

‘अप्रैल 2024 के बाद से नहीं थी सुरक्षा’

गोपाल खेमका को पुलिस की तरफ से अंगरक्षक दिया गया था, इस सवाल पर विनय कुमार ने कहा कि, गुंजन खेमका हत्या के बाद अंगरक्षक 2018 में प्रदान किया गया था. जांच का उद्भेदन हुआ था. गुंजन खेमका हत्याकांड मामले में चार आरोपी के खिलाफ चार्जसीट किया गया था. एक महीने के अंदर कांड का उद्भेदन हुआ था. 6 साल तक इनके पास सुरक्षा थी. अप्रैल 2024 के बाद उनके पास सुरक्षा नहीं थी. इस पर भी जांच की जा रही है.

सूचना आई थी कि वह खुद सुरक्षा बॉडीगार्ड को हटाने को लेकर कहा था. या यह हटाया गया था. इस पर भी जांच की जा रही है. 6 साल तक उनके पास बॉडीगार्ड था तो फिर क्या रीज़न था कि बॉडीगार्ड उनके पास नहीं था? पत्राचार की खोज के साथ इस विषय पर जांच की जा रही है और संबंधित पदाधिकारी जिस कारण से उन्होंने सुरक्षा हटाए. अगर वे दोषी पाए जाते हैं, तो उनपर भी करवाई होगी.

‘आधा दर्जन लोगों से पूछताछ’

बिहार डीजीपी ने आगे कहा कि, संदेह के आधार पर दर्जन लोगों को डिटेन किया गया है. पूछताछ की जा रही है. तकनीकी अनुसंधान के तहत जो करवाई है, वह किया जा रहा है. उम्मीद किया जा रहा है कि हम हत्यारे तक पहुंच जाएंगे. इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले को बहुत जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि, बेऊर जेल में अपराधी रहते हैं, तो ऐसी सूचनाओं पर छापेमारी की गई थी, जिसमें कई मोबाइल बरादम हुए हैं. वहीं, कई लोग सस्पेंड हुए हैं.

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