कुंदन कुमार/पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पटना स्थित सरकारी आवास पर मुलाकात की। करीब 20 मिनट तक चली इस अहम बातचीत ने बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है।

शीर्ष नेताओं की मौजूदगी ने बढ़ाया महत्व

इस बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा भी मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार यह मुलाकात केवल औपचारिक नहीं थी, बल्कि इसमें आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति, सीट बंटवारे के फार्मूले और चुनावी तैयारियों पर गंभीर चर्चा हुई।

गठबंधन में समन्वय की कोशिश

भाजपा और जदयू मिलकर राज्य में सरकार चला रहे हैं लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सीट शेयरिंग को लेकर दोनों दलों के बीच संभावित खींचतान की अटकलें भी तेज हो गई हैं। इस पृष्ठभूमि में दोनों दलों के शीर्ष नेताओं की यह बैठक यह दर्शाती है कि गठबंधन के भीतर तालमेल बैठाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं।

भाजपा दिखाना चाहती है ताकत

भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि पार्टी बिहार में अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन करने के मूड में है। वहीं जदयू भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में अधिक सीटों की मांग कर सकती है। ऐसे में दोनों दलों के बीच तालमेल का संतुलन ही आगामी चुनाव में सफलता की कुंजी साबित हो सकता है।

विपक्ष की तैयारी पर भी नजर

राज्य में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) जैसे विपक्षी दल भी सक्रिय हो चुके हैं। ऐसे में भाजपा-जदयू गठबंधन कोई भी चूक नहीं करना चाहता। जानकारों की मानें तो धर्मेंद्र प्रधान और नीतीश कुमार की मुलाकात के जरिए भाजपा ने यह संकेत दे दिया है कि वह चुनावी रणनीति में समय से पहले बढ़त बनाना चाहती है।

जल्द हो सकती है सीट बंटवारे की घोषणा

फिलहाल, इस मुलाकात को लेकर प्रदेश की राजनीति में चर्चाओं का दौर जारी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भाजपा और जदयू के बीच सीट बंटवारे को लेकर औपचारिक घोषणा हो सकती है। लेकिन इतना तय है कि इस बैठक ने बिहार की चुनावी सियासत का पारा चढ़ा दिया है और अब सभी की निगाहें दोनों दलों के अगले कदम पर टिकी हैं।