कुंदन कुमार/ पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस पार्टी ने आखिरकार अपनी पहली उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 48 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं। प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम को कुटुंबा से मैदान में उतारा गया है जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता शकील अहमद को कदवा से टिकट मिला है। पार्टी ने कुछ पुराने चेहरों पर दोबारा भरोसा जताया है वहीं कुछ नए नामों को भी मौका दिया गया है।

पांच महिला उम्मीदवारों को मिला मौका

महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के तहत पार्टी ने इस सूची में पांच महिला उम्मीदवारों को जगह दी है। जिसमें सरिता देवी** सोनबरसा, अमिता भूषण, बेगूसराय, नीतू कुमारी , हिसुआ, पूनम पासवान कोढ़ा, प्रतिमा कुमारी राजापाकर को टिकट मिला है। प्रतिमा दास को एक बार फिर राजापाकर से चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है, जिससे उनके समर्थकों में उत्साह देखा जा रहा है।

मुस्लिम समुदाय से 4 उम्मीदवार

कांग्रेस ने सामाजिक संतुलन साधते हुए 4 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिससे पार्टी का परंपरागत वोटबैंक साधने की कोशिश नजर आती है।

11 सिटिंग विधायकों पर फिर से भरोसा

कांग्रेस की पहली सूची में 11 मौजूदा विधायकों को दोबारा मौका दिया गया है। इनमें भागलपुर, कदवा, मनिहारी, मुजफ्फरपुर, राजापाकर, बक्सर, राजपुर, कुटुंबा, करगहर, हिसुआ और औरंगाबाद जैसे प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों के नाम शामिल हैं। यह फैसला पार्टी के भीतर अनुभव और निरंतरता को प्राथमिकता देने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।

खगड़िया में टिकट कटा, चंदन यादव को मौका

हालांकि कुछ जगहों पर बड़े उलटफेर भी देखने को मिले। खगड़िया से वर्तमान विधायक छत्रपति यादव का टिकट काट दिया गया है। उनकी जगह चंदन यादव को टिकट दिया गया है, जो पिछली बार बेलदौर से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे। इस बदलाव से इलाके में मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।

टिकट बंटवारे से पहले ही ‘सिंबल वितरण’

सूत्रों के अनुसार, लिस्ट सार्वजनिक होने से पहले ही कई उम्मीदवारों को पार्टी सिंबल सौंपे जा चुके थे। इससे अंदरखाने कुछ नेताओं में असंतोष फैल गया था जो अब खुलकर सामने आने लगा है।

बिक्रम सीट पर हुआ था हंगामा

एक दिन पहले बिक्रम विधानसभा सीट पर टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी खुलकर सामने आ गई थी। डॉ. अशोक आनंद वर्षों से इस सीट पर तैयारी कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने टिकट अनिल शर्मा को दे दिया। इससे गुस्साए कार्यकर्ताओं ने पटना एयरपोर्ट पर प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, कृष्ण अल्लावररु और शकील अहमद को घेर लिया था। स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि सुरक्षाकर्मियों की मदद से नेता किसी तरह अपनी गाड़ी में बैठकर वहां से रवाना हुए थे। नाराज कार्यकर्ताओं ने पार्टी पर टिकट बेचने का आरोप भी लगाया था। उनका दावा था कि बिक्रम का टिकट 5 करोड़ रुपये में बेचा गया, जिससे पार्टी की छवि को गहरा धक्का लगा है।