पटना। बिहार में आगामी अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां तेज़ हो गई हैं। इसी कड़ी में चुनाव आयोग ने आठ क्षेत्रीय दलों को उनके चुनाव चिह्न आवंटित कर दिए हैं, जिससे इन पार्टियों को चुनावी मैदान में नई ऊर्जा मिली है। सबसे अहम बात यह रही कि मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को एक बार फिर उसका पुराना और लोकप्रिय चुनाव चिन्ह नाव वापस मिल गया है। पिछली बार लोकसभा चुनाव में उन्हें अस्थायी रूप से पर्स चिन्ह दिया गया था, लेकिन अब नाव चिन्ह की वापसी से पार्टी में उत्साह है।

पुराना प्रतीक चिह्न वापस मिला

वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने इसे संविधान की जीत करार देते हुए कहा हमने कई तकनीकी प्रक्रियाओं को पार कर अपना पुराना प्रतीक फिर से हासिल किया है। ‘नाव’ हमारे राजनीतिक संघर्ष और सामाजिक संदेश की पहचान है।

चुनाव चिह्न में मिला गैस सिलेंडर

वहीं उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा को स्थायी रूप से ‘गैस सिलेंडर’ चुनाव चिन्ह मिला है। यह प्रतीक उनकी पार्टी की आमजन से जुड़ाव और घरेलू मुद्दों पर फोकस को दर्शाता है।

जन सुराज को स्कूल बैग

प्रशांत किशोर की महत्वाकांक्षी राजनीतिक पहल जन सुराज पार्टी को स्कूल बैग चिन्ह आवंटित किया गया है। पार्टी ने इस पर खुशी जताते हुए कहा कि स्कूल बैग शिक्षा, अवसर और विकास का प्रतीक है, और यही हमारी विचारधारा की नींव है। जन सुराज के सभी 243 प्रत्याशी इसी निशान के साथ चुनाव लड़ेंगे।

इन पार्टियों को ये मिला चुनाव चिह्न

भारत सार्थक पार्टी – कैंची

लोहिया जनता दल – बाल्टी

जन सहमति पार्टी – लेडीज पर्स

भारतीय जनता समाजसेवी पार्टी बांसुरी

राष्ट्रीय समाजवादी लोक अधिकार पार्टी अंगूठी

सभी पार्टियों ने इन चिह्नों के लिए चुनाव आयोग में आवेदन किया था, जिसे आयोग ने स्वीकृति दे दी है। अब इन दलों के चिन्ह किसी अन्य उम्मीदवार को आवंटित नहीं किए जाएंगे।

बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर मुकाबला तेज़ होता जा रहा है। NDA और महागठबंधन आमने-सामने हैं, लेकिन प्रशांत किशोर का जन सुराज भी इस लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की कोशिशों में जुटा है। ऐसे में छोटे दलों की भूमिका भी इस बार अहम मानी जा रही है।