पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान गुरुवार को संपन्न हो गया। सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक चले मतदान में कुल 60.13 प्रतिशत वोटिंग हुई। इस दौरान मतदाताओं में उत्साह देखने को मिला। ग्रामीण इलाकों में जहां वोटरों की लंबी कतारें नजर आईं, वहीं शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत अपेक्षाकृत कम रहा।

जानें कहां कितना हुआ मतदान

सबसे ज्यादा मतदान बेगूसराय में 67.32% दर्ज किया गया, जबकि शेखपुरा में सबसे कम 52.36% वोट पड़े। राजधानी पटना में 55.02% मतदान हुआ, लेकिन शहरी विधानसभा क्षेत्रों में मतदान का जोश फीका पड़ा। पटना की कुम्हरार सीट पर 39.52%, दीघा में 39.10% और बांकीपुर में मात्र 40% वोटिंग हुई।

उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद

पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान हुआ, जिसमें 1314 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद हो गई। इनमें 104 सीटों पर सीधा मुकाबला और 17 सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिला। बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से आधी पर पहले फेज में मतदान हुआ, जबकि शेष पर दूसरे फेज में होगा। नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।

18 मंत्रियों की साख दांव पर

इस चरण में दो डिप्टी सीएम सहित 18 मंत्रियों की साख दांव पर लगी है। तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा और अनंत सिंह जैसे कई बड़े चेहरों का भविष्य अब EVM में बंद हो गया है।

पहले चरण की 12 बड़ी घटनाएं

चुनाव के दौरान कई जगहों से हिंसा, विवाद और EVM खराबी की खबरें सामने आईं।

लखीसराय: उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा की गाड़ी पर हमला हुआ। राजद समर्थकों ने चप्पलें और पत्थर फेंके।

पटना: मनेर में RJD उम्मीदवार भाई वीरेंद्र ने दरोगा को धमकाया, कहा – यहीं आग लगा देंगे।

वैशाली: RJD प्रत्याशी के भड़काने पर लोगों ने CAPF जवानों पर पत्थर फेंके।

दरभंगा: पोलिंग एजेंट को धमकी देने के बाद पुलिस पर भी पथराव हुआ। दो लोग हिरासत में लिए गए।

सारण: CPI उम्मीदवार सत्येंद्र कुमार की गाड़ी पर लाठी-डंडों से हमला हुआ।

लखीसराय: बूथ कैप्चरिंग की सूचना पर SP ने मौके पर फ्लैग मार्च किया।

10 जिलों में EVM खराबी, जिससे मतदान कई जगह बाधित हुआ।

पटना साहिब: विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव की मतदान कर्मियों से बहस हो गई।

सीवान, दरभंगा और मुजफ्फरपुर के 8 बूथों पर मतदाताओं ने बहिष्कार किया।

नालंदा: बिहारशरीफ में 4 बीजेपी कार्यकर्ताओं को पर्ची बांटने के आरोप में हिरासत में लिया गया।

मुंगेर: नक्सल प्रभावित भीमबंद गांव में 20 साल बाद मतदान हुआ।

अब सबकी निगाहें 14 नवंबर पर

कुल मिलाकर पहले फेज की वोटिंग में जहां जनता ने लोकतंत्र का उत्सव मनाया, वहीं कई जगह प्रशासनिक चुनौतियाँ और राजनीतिक तनातनी भी देखने को मिलीं। अब सबकी निगाहें 14 नवंबर पर हैं, जब नतीजे बताएंगे कि बिहार किस दिशा में आगे बढ़ेगा।