पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब अपने अंतिम और सबसे निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। मंगलवार 11 नवंबर को राज्य के 20 जिलों की 122 सीटों पर दूसरे चरण का मतदान हो रहा है आज होने वाला मतदान तय करेगा कि बिहार की अगली सरकार किसकी बनेगी। इस चरण में 1302 उम्मीदवार मैदान में हैं और 3.7 करोड़ से अधिक मतदाता उनके राजनीतिक भविष्य का फैसला करेंगे।
इनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी
राजनीतिक रूप से यह चरण बेहद अहम है क्योंकि इसमें तीन प्रमुख दलों के प्रदेश अध्यक्षों, 12 मंत्रियों, एक पूर्व उपमुख्यमंत्री और एक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और अब फैसला जनता के हाथ में है।
बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर
दूसरे चरण में कई बड़े चेहरे मैदान में हैं जिन पर सबकी निगाहें टिकी हैं। लोजपा (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी गोविंदगंज से किस्मत आजमा रहे हैं, वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम कुटुंबा से चुनाव मैदान में हैं। हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार टेकारी सीट से मुकाबले में हैं। इसके अलावा, पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद कटिहार से और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी सिकंदरा से चुनाव लड़ रहे हैं। नीतीश सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री भी इस चरण में मैदान में हैं —
बिजेंद्र प्रसाद यादव (सुपौल),
नीतीश मिश्रा (झंझारपुर),
नीरज सिंह बबलू (छातापुर),
शिला मंडल (फुलपरास),
रेणु देवी (बेतिया)।
इन सभी सीटों पर मुकाबला बेहद रोचक माना जा रहा है।
चर्चित चेहरों पर भी सबकी निगाहें
इस चरण में कई चर्चित उम्मीदवारों का राजनीतिक भविष्य भी दांव पर है। औरंगाबाद से भाजपा के पूर्व सांसद की बहू स्मिता गुप्ता मैदान में हैं, जबकि रालोसोपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेह लता भी इस चरण की एक प्रमुख प्रत्याशी हैं। नवीनगर से पूर्व सांसद आनंद मोहन के पुत्र चेतन आनंद भी मैदान में हैं, जिनकी सीट पर सबकी निगाहें टिकी हैं। इस चरण में मतदाताओं का रुझान बिहार की अगली सरकार की दिशा तय करेगा।
चुनाव आयोग की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था
चुनाव आयोग ने राज्य के 45,399 मतदान केंद्रों पर मतदान करवा रहा है। आयोग के मुताबिक, शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सभी संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जा रही है। इस चरण में सबसे ज्यादा 22 उम्मीदवार चैनपुर, सासाराम और गया शहर सीटों पर हैं, जबकि लौरिया और चनपटिया जैसी सीटों पर सबसे कम 5-5 उम्मीदवार मैदान में हैं।
अगली सरकार की तस्वीर साफ हो जाएगी
दूसरा चरण बिहार की सत्ता की चाबी साबित हो सकता है। उत्तर बिहार से लेकर मगध और सीमांचल तक, हर क्षेत्र में राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा दांव पर है। एनडीए, महागठबंधन और जन सुराज जैसे दलों के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है। यह चरण न केवल नेताओं के लिए बल्कि मतदाताओं के लिए भी अहम है, क्योंकि इसके बाद 14 नवंबर को होने वाली मतगणना से राज्य की अगली सरकार की तस्वीर साफ हो जाएगी।
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