मोतिहारी। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के मतदान के बाद चुनावी प्रक्रिया पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। समस्तीपुर और सीवान के बाद अब मोतिहारी जिले के सुगौली विधानसभा क्षेत्र में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां मतदान खत्म होने के बाद सैकड़ों की संख्या में VVPAT स्लिप्स खुले में पड़ी मिलीं, जिससे मतदान की गोपनीयता और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

स्कूल के पास लावारिस हालत में मिलीं वोट स्लिप्स

जानकारी के मुताबिक, यह मामला सुगौली के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय, निमुई के बूथ संख्या 218 और 219 का है। बताया जा रहा है कि मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद जब कुछ ग्रामीण स्कूल परिसर के पास से गुजरे, तो उन्होंने जमीन पर बिखरी हुई वोट स्लिप्स देखीं। इन पर्चियों पर विभिन्न राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह जैसे हाथी, ब्लैकबोर्ड और अन्य प्रतीक साफ दिखाई दे रहे थे।

उम्मीदवारों ने की जांच और मतदान रद्द करने की मांग

घटना की जानकारी मिलते ही जनशक्ति जनता दल के उम्मीदवार श्याम किशोर चौधरी और बसपा के प्रत्याशी मौके पर पहुंचे। दोनों नेताओं ने चुनाव आयोग से तत्काल जांच की मांग की और कहा कि इस तरह की लापरवाही मतदान प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करती है। उन्होंने संबंधित बूथ पर मतदान रद्द करने की भी मांग की है।

क्या होती है VVPAT स्लिप और क्यों है जरूरी

VVPAT यानी Voter Verifiable Paper Audit Trail मशीन EVM के साथ जुड़ी होती है। जब कोई मतदाता वोट डालता है, तो यह मशीन एक छोटी पर्ची निकालती है जिस पर प्रत्याशी का नाम और चुनाव चिन्ह दिखाई देता है। यह पर्ची लगभग 7 सेकंड तक स्क्रीन पर दिखती है, ताकि मतदाता अपने वोट की पुष्टि कर सके। इसके बाद यह पर्ची सुरक्षित बॉक्स में गिर जाती है और जरूरत पड़ने पर मतगणना के दौरान वोटों के मिलान में इसका इस्तेमाल होता है।

चुनावी पारदर्शिता पर उठे बड़े सवाल

मोतिहारी की यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब पूरे बिहार में मतदान को लेकर पारदर्शिता पर जोर दिया जा रहा था। लगातार तीसरे जिले से VVPAT स्लिप्स का इस तरह खुले में मिलना न सिर्फ प्रशासनिक चूक को दर्शाता है, बल्कि आम मतदाता के विश्वास को भी झटका देता है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि चुनाव आयोग इस घटना पर क्या कार्रवाई करता है।