पटना/खगड़िया। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) को जल्द ही एक बड़ा राजनीतिक झटका लग सकता है क्योंकि पार्टी के फायरब्रांड और तेजतर्रार विधायक डॉ. संजीव कुमार अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन थाम सकते हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार डॉक्टर संजीव ने हाल ही में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की है और दोनों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। यह मुलाकात जदयू के भीतर मची उथल-पुथल की ओर इशारा कर रही है।
कल हो सकती है राजद में एंट्री
सूत्रों की मानें तो 3 अक्टूबर को खगड़िया के गोगरी में आयोजित एक बड़ी सभा के दौरान तेजस्वी यादव की उपस्थिति में डॉक्टर संजीव RJD की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। इस जनसभा को लेकर राजद कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह है क्योंकि यह कदम परबत्ता विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की पकड़ मजबूत कर सकता है।
काफी समय से नाराज चल रहे थे विधायक
डॉ. संजीव कुमार पिछले कई महीनों से जदयू नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। उनका कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान देना चर्चा में रहा है। विशेष रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एनडीए में वापसी को लेकर उन्होंने असहमति जताई थी।
इतना ही नहीं उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त की कथित साजिश के मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की पूछताछ का सामना भी करना पड़ा था। ऐसे में पार्टी के भीतर उनकी भूमिका को लेकर संशय लगातार गहराता जा रहा था।
भूमिहार वोट बैंक में सेंध की कोशिश
डॉ. संजीव कुमार की पहचान एक तेजतर्रार और क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाले विधायक के तौर पर है। वे खगड़िया के परबत्ता सीट से विधायक हैं और भूमिहार समुदाय में अच्छी पैठ रखते हैं। अगर वे राजद में शामिल होते हैं, तो इससे राजद को इस वर्ग में बड़ी मजबूती मिल सकती है जो अब तक JDU या भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना जाता रहा है।
JDU को नुकसान, RJD को फायदा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि डॉ. संजीव का जाना जदयू के लिए संगठनात्मक और जातिगत आधार पर बड़ा नुकसान होगा, जबकि राजद को इससे एक अनुभवी चेहरा और नया वोट बैंक मिलेगा। यह बदलाव खासकर उस समय अहम हो जाता है जब बिहार चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं और सभी दल रणनीतिक जोड़-तोड़ में लगे हैं।
क्या RJD में दिखेगा नया रंग?
अब सबकी नजरें 3 अक्टूबर की सभा पर टिकी हैं जहां से डॉक्टर संजीव कुमार के राजद में शामिल होने की औपचारिक घोषणा की जा सकती है। यदि ऐसा होता है, तो यह बिहार की राजनीति में एक और बड़ा समीकरण बदलाव का संकेत होगा।
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