पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक बयानबाजी ने जोर पकड़ लिया है। राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर नीतीश कुमार और भाजपा सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि बिहार में पिछले 20 वर्षों से नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार है लेकिन राज्य में अब तक औद्योगिक विकास की कोई ठोस दिशा नहीं दिखी है। तेजस्वी ने सवाल उठाया बिहार में कितनी फैक्ट्रियां और उद्योग स्थापित हुए हैं? बिहार आज भी औद्योगिक नक्शे में क्यों सबसे निचले पायदान पर है?

युवाओं का पलायन और सरकार की नीतियां

तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि बिहार के युवा रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार हर साल उद्योगों की बात करते हैं, लेकिन असलियत में बिहार में कोई बदलाव नहीं आया है। कागजों पर एमओयू साइन होते हैं, लेकिन वे अंततः रद्द कर दिए जाते हैं तेजस्वी ने आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी नौकरियों पर पाबंदियां लगाई जा रही हैं और अब ठेकेदारी और संविदा से ही काम चलाया जा रहा है, जिससे युवाओं में असुरक्षा का माहौल बन रहा है।

तेजस्वी का डबल इंजन पर हमला

तेजस्वी यादव ने वर्तमान सरकार को ‘डबल इंजन सरकार’ बताते हुए इसे डबल धोखा करार दिया। उनका कहना था कि एक इंजन केंद्र में झूठ फैला रहा है और दूसरा बिहार में आंकड़े घुमा कर जनता को भ्रमित कर रहा है। तेजस्वी ने यह सवाल भी किया कि इतने वर्षों के बाद भी बिहार को एक भी बड़ा औद्योगिक निवेश क्यों नहीं मिला? उनका आरोप था कि बिहार के विकास की गति बहुत धीमी है और सरकार के पास इसका कोई ठोस समाधान नहीं है।

शाहनवाज हुसैन का पलटवार, बिहार तरक्की के रास्ते पर है

इस बयानबाजी पर भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने तेजस्वी यादव को जवाब दिया। शाहनवाज हुसैन ने कहा तेजस्वी यादव आज ट्वीट कर रहे हैं लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि बिहार में आज लोग रोजगार पा रहे हैं, इंडस्ट्री लग रही हैं और प्रदेश तरक्की की ओर बढ़ रहा है। मोदी सरकार और नीतीश सरकार ने बिहार को सड़क, बिजली और पानी जैसी सुविधाएं दी हैं। बिहार अब विकास के रास्ते पर है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग बिहार में जंगलराज का अनुभव कर चुके है अब राज्य की प्रगति पर सवाल नहीं उठाएं।

आने वाले समय में और तीव्र होगी राजनीतिक लड़ाई

जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक माहौल और गर्माने की संभावना है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्ष सरकार को घेरने में जुटा हुआ है। तेजस्वी ने संकेत दिए कि रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर आगामी दिनों में बड़े आंदोलन हो सकते हैं। विपक्षी दलों ने बिहार में जनता के बीच अपनी पकड़ बनाने के लिए इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाने का मन बना लिया है।

नौकरी और रोजगार का मुद्दा चुनावी एजेंडा

तेजस्वी यादव का यह हमला राज्य में बढ़ती बेरोजगारी और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ को लेकर था। चुनावी मौसम में यह मुद्दा और भी तूल पकड़ सकता है। भाजपा के नेताओं द्वारा विकास और सुधार की बात की जा रही है, जबकि विपक्ष इसे केवल दिखावा और झूठा प्रचार मान रहा है। अब यह देखना होगा कि बिहार की जनता किसका समर्थन करती है और किसकी रणनीति ज्यादा प्रभावी साबित होती है।

बिहार की सियासत में बढ़ेगी सरगर्मी

बिहार में इन दिनों सियासी तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है और आगामी विधानसभा चुनाव में इस तरह की बयानबाजी और भी तेज होगी। तेजस्वी यादव और भाजपा नेताओं के बीच की यह तकरार आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है।

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