Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही हो गया हो, लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर सियासी पार्टियों का सिरदर्दी अभी खत्म नहीं हुआ है। महागठबंधन हो या एनडीए, दोनों खेमों में इस मुद्दे पर खींचतान जारी है। एक तरफ एनडीए में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी के नाराजगी की खबर सामने आ रही है, तो वहीं, महागठबंधन में भी कांग्रेस अधिक सीटों की मांग पर अड़ी हुई है।
इन सीटों पर बीजेपी का दबदबा कायम
हालांकि बीजेपी इस बार भी आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही है। पार्टी उन सीटों पर फोकस कर रही है, जहां उसका दशकों से दबदबा कायम है। रामनगर, चनपटिया, रक्सौल, बनमनखी, पूर्णिया, हाजीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब और गया टाउन ये 9 सीटें बीजेपी की “फेवरेट लिस्ट” में हैं, क्योंकि यहां वह लगातार 6 चुनावों से जीत दर्ज करती आ रही है।
बिहार में सीटों की अपनी-अपनी कैटेगरी
बिहार की राजनीति में सीटों की अपनी-अपनी कैटेगरी भी है। पहली कैटेगरी है वर्चस्व वाली सीटें, जहां जातीय समीकरण किसी खास पार्टी को मज़बूती देते हैं। दूसरी है खानदानी सीटें, जहां जीत अक्सर एक ही परिवार या पीढ़ी-दर-पीढ़ी किसी खास खानदान के खाते में जाती है। यानी, मुकाबला सिर्फ दलों के बीच ही नहीं बल्कि जातीय समीकरण और राजनीतिक विरासत पर भी टिका है। चुनावी तस्वीर भले ही साफ हो गई हो, लेकिन कौन-सी सीट किसके खाते में जाएगी, इस पर सस्पेंस अभी बाकी है।
- बिहार के 27% विधायक किसी न किसी राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
- बिहार की 57% महिला जनप्रतिनिधि भी किसी न किसी सियासी परिवार से जुड़ी हैं।
- LJP रामविलास के 50% जनप्रतिनिधि सियासी परिवारों से ताल्लुक रखते हैं।
- RJD-JDU के 31% जनप्रतिनिधि चुनिंदा सियासी परिवारों से आते हैं।
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर कहते हैं कि बिहार में 1200 राजनीतिक परिवार हैं। वहीं से नेता निकलते हैं। पार्टियों के टिकट भी उन्हीं परिवारों को मिलते हैं और विधायक-मंत्री भी वहीं से बनते हैं। यही नहीं पीके ने 1200 परिवारों की लिस्ट भी बनाई है। बिहार में दबदबे वाले परिवार 50 से ज्यादा नहीं हैं। हालांकि बिहार की कई सीटें उनकी खानदानी सीटों में तब्दील हो गई हैं। इसके कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं।
बिहार में खानदानी सीटें
- सोनपुर-राघोपुर में लालू यादव का परिवार
- बक्सर में जगदानंद सिंह का परिवार
- तारापुर में शकुनी चौधरी का परिवार
- झंझारपुर में जगन्नाथ मिश्रा का परिवार
- बांकीपुर में नवीन किशोर सिन्हा का परिवार
- मोकामा में अनंत सिंह का परिवार
- हाजीपुर में रामविलास पासवान का परिवार
- गयाजी में जीतन राम मांझी का परिवार
- सीमांचल में तस्लीमुद्दीन का परिवार
- सीवान में शहाबुद्दीन का परिवार
- भोजपुर के बड़हरा में अंबिका शरण सिंह का परिवार
- तरारी से सुनील पांडेय का परिवार
- पश्चिम चंपारण में मदन जायसवाल का परिवार
- शिवहर में आनंद मोहन का परिवार
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