Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच चुनाव आयोग ने मतदाताओं के लिए एक बड़ी डिजिटल सुविधा शुरू की है। अब वोटर्स को अपने मतदान केंद्र की जानकारी पाने के लिए न इंटरनेट पर खोजबीन करनी होगी और न ही सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ेंगे। चुनाव आयोग ने एक ऐसी व्यवस्था शुरू की है, जिसमें सिर्फ एक QR कोड स्कैन करते ही मतदाता अपने बूथ का नाम, नंबर और लोकेशन की पूरी जानकारी तुरंत प्राप्त कर सकेगा।

आयोग का मानना है कि यह कदम मतदान प्रक्रिया को आसान बनाएगा और राज्य में मतदान प्रतिशत बढ़ाने में मदद करेगा। खासकर शहरी क्षेत्रों में जहां बूथ की जानकारी को लेकर अक्सर भ्रम की स्थिति रहती है, वहां यह सुविधा बेहद उपयोगी साबित होगी।

चुनाव आयोग के मुताबिक, हर मतदाता अब अपने मोबाइल से QR कोड स्कैन कर सकता है। स्कैन करने के बाद उसे अपना मोबाइल नंबर और EPIC नंबर यानी मतदाता पहचान संख्या दर्ज करनी होगी। इसके बाद स्क्रीन पर उसके मतदान केंद्र का नाम, बूथ नंबर और लोकेशन की पूरी जानकारी कुछ ही मिनटों में दिख जाएगी। मतदाता को इसके लिए पहले अपने जिले का चयन करना होगा, फिर अपनी भाषा चुननी होगी और नाम या EPIC नंबर के जरिए अपने विवरण की पुष्टि करनी होगी। जानकारी की पुष्टि होते ही संबंधित मतदान केंद्र की लोकेशन का नक्शा और पता स्क्रीन पर सामने आ जाएगा।

इस डिजिटल सुविधा को आम जनता तक पहुंचाने के लिए चुनाव आयोग ने एक विशेष जनजागरूकता अभियान भी शुरू किया है। पटना, गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर जैसे बड़े शहरों में छठ पूजा के घाटों, बस स्टैंडों और बाजारों में डिजिटल होर्डिंग और फ्लेक्स लगाए जा रहे हैं। इन होर्डिंग्स पर मौजूद QR कोड को स्कैन करके लोग तुरंत अपने बूथ की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा आयोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स X (Twitter), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी जागरूकता अभियान चला रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा मतदाता इस सुविधा का उपयोग कर सकें और बिना किसी परेशानी के सीधे अपने बूथ तक पहुंच सकें।

चुनाव आयोग ने तकनीकी सुविधा के साथ-साथ पारदर्शिता और निष्पक्षता पर भी सख्त रुख अपनाया है। पटना के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने बताया कि जिले में आचार संहिता को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए पूरे जिले में सर्विलांस टीमों और फ्लाइंग स्क्वॉड को चौकन्ना रखा गया है ताकि चुनावी प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी न हो। उन्होंने कहा कि नकद या अन्य वस्तुएं बांटने की कोशिश को कानूनी अपराध माना जाएगा और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही सभी उम्मीदवारों के चुनावी खर्च और प्रचार गतिविधियों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

यदि किसी मतदाता को अपने बूथ तक पहुंचने में दिक्कत होती है या जानकारी गलत लगती है, तो वह मतदाता हेल्पलाइन नंबर या अपने स्थानीय निर्वाचन कार्यालय से संपर्क कर सकता है। बिहार में यह पहली बार है जब इतने बड़े पैमाने पर डिजिटल तकनीक का उपयोग मतदान प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए किया जा रहा है। आयोग का मानना है कि इस पहल से न केवल मतदान प्रक्रिया पारदर्शी और डिजिटल बनेगी, बल्कि इससे मतदान प्रतिशत में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी। यह कदम राज्य में लोकतंत्र को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।

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