Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आरजेडी (RJD) की रणनीति पहले से बदली हुई नजर आ रही है। पार्टी नेता तेजस्वी यादव अब सिर्फ अपनी परंपरागत वोट बैंक पर नहीं, बल्कि उन जातियों पर भी ध्यान दे रहे हैं जिनसे कभी आरजेडी की दूरी रही है। खास तौर पर भूमिहार समाज को लेकर पार्टी का रुख अब काफी नरम हो गया है।
‘ए टू जेड’ पार्टी बनाने की तैयारी
तेजस्वी यादव अब आरजेडी को सिर्फ एक जाति की पार्टी के बजाय “ए टू ज़ेड पार्टी” बनाना चाहते हैं। उनका मानना है कि भले ही भूमिहारों की संख्या बिहार में कम है, लेकिन राजनीति की दिशा तय करने में उनका बड़ा असर रहता है। इसी कारण वे लगातार भूमिहार इलाकों में सक्रिय हो रहे हैं।
एमएलसी टिकट से दिखा बदलाव
2020 चुनाव के बाद आरजेडी ने भूमिहार नेताओं को एमएलसी टिकट देकर साफ कर दिया कि अब पार्टी सबको साथ लेकर चलना चाहती है। इंजीनियर सौरभ, कार्तिक मास्टर और अजय सिंह जैसे नेताओं को टिकट देकर तेजस्वी ने संदेश दिया कि भूमिहार समाज भी आरजेडी के लिए अहम है।
विरोधी से सहयोगी बने नेता
कार्तिक मास्टर पहले बाहुबली अनंत सिंह के करीबी थे, लेकिन बाद में आरजेडी से जुड़कर तेजस्वी के समर्थक बन गए। मुकदमों के कारण मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भी उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी। इसी तरह इंजीनियर सौरभ और अजय सिंह भी तेजस्वी के भरोसेमंद बने हुए हैं।
नीतीश के खिलाफ भूमिहार नेताओं की एंट्री
जदयू के विधायक डॉ. संजीव कुमार ने 2024 में नीतीश सरकार के खिलाफ बगावत की थी। अब उन्हें आरजेडी ने परबत्ता सीट से उम्मीदवार बनाया है। वहीं बरबीघा के विधायक सुदर्शन सिंह भी जदयू से नाराज हैं और माना जा रहा है कि वे निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं।
मुन्ना शुक्ला और सूरजभान परिवार की एंट्री
वैशाली के बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को आरजेडी ने लालगंज सीट से टिकट दिया है। इसके अलावा पूर्व एलजेपी नेता सूरजभान सिंह ने भी पारस से दूरी बनाकर आरजेडी का दामन थाम लिया। उनकी पत्नी को मोकामा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है, जहां उनका मुकाबला अनंत सिंह से होगा।
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