पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण का मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया है। अब राज्य की जनता की निगाहें एग्जिट पोल्स के अनुमानों पर टिकी हैं, जो आने वाले कुछ घंटों में जारी किए जाएंगे। ये अनुमान इस बात का संकेत देंगे कि आखिर बिहार की जनता ने इस बार किस पर भरोसा जताया है नीतीश कुमार की एनडीए सरकार पर या तेजस्वी यादव के महागठबंधन पर।
ऐतिहासिक बना दिया है
इस बार के चुनाव में बिहार ने रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग दर्ज की है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, दूसरे चरण में मतदान ने न सिर्फ पहले चरण के आंकड़ों को पीछे छोड़ा, बल्कि 1952 के बाद से अब तक हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों के रिकॉर्ड भी तोड़ दिए हैं। मतदाताओं, खासकर महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने इस चुनाव को ऐतिहासिक बना दिया है।
समीकरणों में बड़ा बदलाव संभव माना जा रहा
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि बढ़े हुए मतदान प्रतिशत का लाभ किस दल को मिलेगा। एक करोड़ से अधिक नए मतदाताओं ने इस बार पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया है, जिससे समीकरणों में बड़ा बदलाव संभव माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अधिक मतदान सत्ता विरोधी लहर का संकेत भी हो सकता है, हालांकि यह दावा करना अभी जल्दबाजी होगी।
सब की निगाहें 14 तारीख पर
14 नवंबर को जब मतगणना होगी, तब तय होगा कि बिहार की सत्ता की चाबी किसके हाथ में जाएगी। लेकिन उससे पहले, आज रात से ही एग्जिट पोल्स का दौर शुरू होगा और जनता को मिल जाएगा एक अनुमान कि आखिर बिहार का जनादेश किस ओर झुक रहा है। फिलहाल पूरा बिहार, राजनीतिक गलियारे और आम मतदाता सभी की निगाहें एग्जिट पोल्स के नतीजों पर टिकी हैं।
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