पटना। राज्य में लंबित मामलों के तेजी से निपटारे के लिए बिहार सरकार ने 100 नई फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना का फैसला लिया है। गृह मंत्री चौधरी ने बताया कि इस कदम से अदालतों पर बढ़ता बोझ कम होगा और 18 लाख से अधिक लंबित मामलों के समाधान में गति आएगी। कई जिलों में मामलों की संख्या अत्यधिक है जिसके कारण गंभीर अपराधों की सुनवाई में देरी होती है।
जिलों में अदालतों का वितरण
सरकार ने जिलों के आधार पर अदालतों का बंटवारा तय किया है। पटना में 8 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई जाएंगी। गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और भागलपुर में 4–4 अदालतें स्थापित होंगी। नालंदा, रोहतास, सारण, बेगूसराय, वैशाली, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर और मधुबनी में 3–3 अदालतें चलेंगी। पश्चिम चंपारण, सहरसा, पूर्णिया, मुंगेर, नवादा, आरा, बक्सर, सीवान, गोपालगंज सहित 25 जिलों में 2–2 अदालतें बनेंगी। जबकि नवगछिया और बगहा उप-मंडलों में 1–1 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित होगा। कुल मिलाकर 38 जिलों और उप-मंडलों में 100 अदालतों की तैयारी पूरी है। फास्ट ट्रैक अदालतों के संचालन के लिए बेंच क्लर्क, स्टेनोग्राफर, डेटा एंट्री ऑपरेटर सहित लगभग 900 कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें


