पटना. बिहार में हाल ही में आई भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार को राजधानी पटना स्थित 1, अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।
बाढ़ प्रभावित जिलों से ली गई जानकारी
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रमुख बाढ़ प्रभावित जिलों – जैसे दरभंगा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, सहरसा, सुपौल, मधुबनी सहित अन्य जिलों के डीएम (जिला पदाधिकारी), एसपी (पुलिस अधीक्षक), जल संसाधन विभाग, और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों से सीधे संवाद किया।
नीतीश कुमार ने निर्देश दिया
- बचाव और राहत कार्यों में कोई लापरवाही न हो।
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर, भोजन, पेयजल, चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की जाए।
- बाढ़ से विस्थापित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।
- जिन क्षेत्रों में पानी भर गया है, वहां नावों, ट्रैक्टरों और अन्य संसाधनों के माध्यम से आवागमन सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि जनता को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं होनी चाहिए। राहत और बचाव का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता है। जिन इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है, वहां तुरंत फोर्स की तैनाती और नावों की व्यवस्था की जाए। हर जरूरतमंद व्यक्ति तक राहत पहुंचे – यह सरकार की जिम्मेदारी है।
सम्राट चौधरी ने भी दिए निर्देश
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर अधिकारी स्थानीय स्तर पर चौबीसों घंटे उपलब्ध रहें और राहत कार्यों की ग्राउंड रिपोर्टिंग लगातार मुख्यालय को भेजी जाए। उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए अतिरिक्त खाद्य सामग्री और मेडिकल किट्स भिजवाने के निर्देश भी दिए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री स्थिति की गंभीरता को लेकर पूरी तरह सजग नजर आए। अधिकारियों को यह साफ निर्देश दिया गया कि कागज़ी कार्रवाई से पहले ज़मीनी हकीकत पर ध्यान दिया जाए।
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