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Bihar News: बिहार सरकार को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. सरकार का फ्रीज अकाउंट अब तक ठीक नहीं हो सका है. जिसकी वजह से बीते 36 दिन से सरकार के अंकाउंट से किसी तरह का लेन-देन नहीं हुआ है. CM नीतीश कुमार, मंत्री से लेकर विधायक तक की सैलरी रुक गई है. वहीं, करीब 9 लाख कर्मचारियों का वेतन भी अटका है.
भुगतान के लिए लांच हुआ था नया सॉफ्टवेयर
दरअसल, सरकार ने 3 जनवरी से वेतन-बिल के भुगतान के लिए नया सॉफ्टवेयर लांच किया है. लांचिंग के साथ ही तकनीकी पेंच आ गया, जो 36 दिन बाद भी ठीक नहीं हो सका है. इससे बिल और सैलरी फंस गई है.
बिहार सरकार का वित्तीय कामकाज CFMS (कंप्रहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) से किया जाता है. इसकी शुरुआत अप्रैल 2019 में हुई थी. इसके अपग्रेड वर्जन में समस्या आ गई है.
8.5 लाख से अधिक कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
सॉफ्टवेयर में दिक्कत आने से बिहार के करीब 3 लाख क्षेत्रीय कर्मचारियों, 5 लाख शिक्षकों और 50 हजार संविदा कर्मियों को दिसंबर और जनवरी का वेतन नहीं मिला है. जबकि, सचिवालय कर्मचारियों को जनवरी की सैलरी नहीं मिली है. बता दें कि सम्राट चौधरी ने यह दावा किया था कि नई व्यवस्था 27 जनवरी तक ठीक हो जाएगी. धीरे-धीरे सॉफ्टवेयर का अपग्रेड वर्जन रन कर रहा है. इसके बावजूद अब तक ठीक नहीं हुआ है.
इधर, वित्त विभाग के अधिकारी की मानें तो आनन फानन में सॉफ्टवेयर लांच होने की वजह से यह समस्या सामने आई है. सॉफ्टवेयर तो लांच कर दी गई, लेकिन प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं दी गई. विभागीय स्तर से लेकर ट्रेजरी तक प्रशिक्षण का अभाव है.
हर माह 6 हजार करोड़ रुपए सैलरी देती है सरकार
वित्त विभाग के मुताबिक, बिहार सरकार सालाना 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक अपने कर्मचारियों के वेतन पर खर्च करती है. यानी, हर महीने तकरीबन 6 हजार करोड़ रुपए सैलरी के रूप में ट्रांसफर करती है.
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