कुंदन कुमार/ पटना। बिहार सरकार ने राज्य के वित्त रहित शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग को गंभीरता से लेते हुए उनके वेतनमान और अन्य मुद्दों के समाधान के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे। जानकारी के अनुसार राज्य में लगभग 20 हजार वित्त रहित शिक्षक कार्यरत हैं, जो अब तक सिर्फ अनुदान पर निर्भर थे और लंबे समय से वेतनमान की मांग कर रहे थे। इस फैसले की जानकारी उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोशल मीडिया के जरिए दी। समिति का उद्देश्य शिक्षकों को स्थायी वेतनमान देना और उनके सेवा संबंधी मामलों का निपटारा करना है। यह समिति जल्द ही रिपोर्ट सौंपेगी जिससे शिक्षा क्षेत्र में बड़ी राहत की उम्मीद की जा रही है। यह पहल बिहार के शिक्षा ढांचे को मजबूत करने और शिक्षकों को सम्मानजनक सुविधा देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। राज्य सरकार ने ऐसे तमाम शिक्षण संस्थानों जैसे कि संस्कृत विद्यालय मदरसे और अन्य वित्त रहित शिक्षा संस्थाएं में कार्यरत शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन भुगतान अनुदान एवं स्थापना मद से जुड़ी प्रक्रियाओं की निगरानी व समाधान के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति का गठन मुख्य सचिव बिहार की अध्यक्षता में किया गया है और इसका उद्देश्य इन संस्थानों से जुड़े मामलों का समयबद्ध और नियमित समाधान सुनिश्चित करना है।
समिति में नौ शीर्ष अधिकारी शामिल
इस नवनिर्मित समिति में राज्य सरकार के कुल 9 वरिष्ठ अधिकारियो को सदस्य बनाया गया है। इसमें शामिल हैं। मुख्य सचिव बिहार को अध्यक्ष बनाया गया है जा की विकास आयुक्त, बिहार सदस्य, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव/सचिव सदस्य सचिव , सामान्य प्रशासन विभाग वित्त विभाग और शिक्षा से जुड़े अन्य सचिव, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव माध्यमिक व प्राथमिक शिक्षा निदेशक को जिम्मेदारी दी गई है। यह समिति न सिर्फ मामलों की समीक्षा करेगी बल्कि स्थाई समाधान की दिशा में ठोस कार्य योजना भी बनाएगी।
हर महीने होगी बैठक, जल्दी आएंगे फैसले
आदेश के मुताबिक यह समिति हर महीने बैठक करेगी और विभिन्न मुद्दों की समीक्षा करेगी। इनमें शामिल होंगे सहायक अनुदान की मंजूरी शिक्षकों का वेतन निर्धारण और भुगतान स्थापना मद से संबंधित विवादों का समाधान।भविष्य में शिक्षण संस्थानों से जुड़ी नीतिगत दिशा निर्देश तय करना है। समिति को यह अधिकार भी दिया गया है कि वह समय-समय पर रिपोर्ट दे और आवश्यकतानुसार अनुशंसा करे।
शिक्षा विभाग का आदेश हुआ जारी
यह आदेश बिहार सरकार के शिक्षा विभागकी ओर से 30 सितंबर 2025 को जारी किया गया है। आदेश संख्या 2829 के तहत जारी इस निर्देश को संबंधित सभी विभागों और अधिकारियों को अविलंब अनुपालन हेतु भेजा गया है।
क्या कहते हैं शिक्षक संगठन?
इस कदम का शिक्षक संगठनों ने स्वागत किया है। उनका मानना है कि लंबे समय से लंबित वेतन और अनुदान संबंधी मुद्दों का अब निपटारा तेज़ी से हो सकेगा। इसके अलावा यह भी उम्मीद की जा रही है कि इससे भविष्य में अनावश्यक काम नहीं रुकेगा और समय परलोगों का काम भी हो सकेगा।
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