Bihar News: बिहार सरकार ने पंचायती राज विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों के वर्षों पुराने वेतन वृद्धि की मांग पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए बड़ा फैसला लेने की तैयारी कर ली है। इस प्रस्ताव को वित्त विभाग से स्वीकृति मिल चुकी है और संभावना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा कर सकते हैं। इस फैसले से विभाग में कार्यरत लगभग 11,000 संविदा कर्मियों को सीधा लाभ मिलेगा।

वेतन में होगी बढ़ोतरी

मिली जानकारी के अनुसार, तकनीकी सहायकों के मासिक वेतन को ₹27,000 से बढ़ाकर ₹40,000 किए जाने का प्रस्ताव है, जिससे उन्हें ₹12,000 से ₹13,000 तक की सीधी बढ़ोतरी मिलेगी। वहीं लेखापाल सह आईटी सहायकों का वेतन ₹20,000 से बढ़ाकर ₹30,000 किया जाएगा।

हालांकि ग्राम कचहरी सचिवों को थोड़ी और प्रतीक्षा करनी होगी, लेकिन उनके लिए भी बड़ा बदलाव प्रस्तावित है। सरकार ने उनके मानदेय को ₹6,000 से बढ़ाकर ₹12,000 करने का निर्णय लिया है, जो 100% वृद्धि होगी।

11,000 कर्मियों को मिलेगा सीधा लाभ

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस पहल से 8054 ग्राम कचहरी सचिव, 1600 लेखापाल सह आईटी सहायक और 1500 तकनीकी सहायक सीधे लाभान्वित होंगे। प्रस्ताव में तकनीकी सहायकों और लेखापालों के वेतन में 20% से 30% की बढ़ोतरी तय की गई है, जबकि ग्राम कचहरी सचिवों के लिए यह वृद्धि दोगुनी होगी।

परफॉर्मेंस बेस्ड प्रणाली की वापसी नहीं

गौरतलब है कि वर्ष 2023 में विभाग ने परफॉर्मेंस बेस्ड वेतन प्रणाली लागू करने की कोशिश की थी, जिसमें काम के मूल्यांकन के आधार पर मानदेय निर्धारित करने की बात थी। हालांकि इस प्रणाली को कर्मियों के विरोध का सामना करना पड़ा और उसे स्थगित कर दिया गया। वर्तमान में सरकार सभी कर्मियों को समान रूप से लाभ देने के सिद्धांत पर काम कर रही है, जिससे किसी प्रकार का भेदभाव न हो।

शासन प्रणाली को मिलेगा बल

राज्य सरकार के इस निर्णय को पंचायत स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। इससे न केवल कर्मियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि पंचायतों में डिजिटल कार्यप्रणाली और वित्तीय पारदर्शिता को भी मजबूती मिलेगी।

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