सोहराब आलम, मोतिहारी। रक्सौल नगर परिषद की मुख्य पार्षद धुरपति देवी को नगर विकास एवं आवास विभाग, बिहार सरकार ने तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है। इस संबंध में विभाग ने 4 पेज का विस्तृत आदेश जारी किया है। धुरपति देवी पर गंभीर प्रशासनिक अनियमितताओं के कई आरोप हैं।

धुरपति देवी पर लगए ये गंभीर आरोप

धुरपति देवी पर नगर परिषद में समूह ‘ग’ और ‘घ’ के पदों पर अवैध रूप से नियुक्तियां करने का आरोप है। इसके साथ ही बोर्ड की मंजूरी के बिना ही लगभग 7-8 करोड़ रुपए की अनियमित खरीदारी करने का आरोप है। पिछले 8 महीनों में उन्होंने नगर परिषद बोर्ड की एक भी बैठक नहीं बुलाई। अधिकांश कार्य सिर्फ सशक्त स्थायी समिति के माध्यम से संचालित किए जा रहे थे। इससे बोर्ड की भूमिका नगण्य हो गई थी।

रिश्तेदार को सहायक पद पर किया नियुक्त

सबसे गंभीर आरोप यह है कि उन्होंने अपने एक रिश्तेदार को बिन किसी सार्वजनिक विज्ञापन या नियमित भर्ती प्रक्रिय के सहायक पद पर नियुक्त कर दिया। उप मुख्य पार्षद पुष्पा देवी ने इस संबंध में विभाग को लिखित शिकाय भेजी थी। इसके बाद पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी को सितंब 2024 में पत्र संख्या 1433 के माध्यम से मामले का जांच करने का निर्देश दिया गया था। जिलाधिकारी के निर्देश पर रक्सौल के SDM ने सभआरोपों की जांच कर रिपोर्ट विभाग को सौंपी। इसी रिपोर्ट के आधार पर मुख्य पार्षद को पद से हटाने क निर्णय लिया गया है।

आगे भी कार्रवाई कर सकता है विभाग

मुख्य पार्षद को पद से हटाए जाने की खबर से रक्सौल नगर क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। यह मामला अब आम चर्चा का विषय बन गया है। स्थानीय नागरिकों और पार्षदों में इस कार्रवाई पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैं। विभाग द्वारा आगे भी कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं।

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