पटना। बिहार में राज्य सरकार की पुलिस द्वारा शिक्षक अभ्यर्थियों पर किए गए लाठीचार्ज को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठी चलाने में गौरव महसूस करती है, जबकि अपराधियों पर कार्रवाई करने से डरती है। एजाज अहमद ने यह भी कहा कि बिहार सरकार रोजगार और नौकरी देने से डरती है, लेकिन नफरत फैलाने वाले माहौल को बढ़ावा देती है।इसके अलावा प्रदेश के अन्य राजनीतिक दलों ने भी निंदा की है।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
राजधानी पटना में राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) की जल्द से जल्द आयोजित कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन उग्र हो गया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री हाउस का घेराव करने का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस ने दो बार लाठीचार्ज किया।
प्रदर्शनकारी जो डाकबंगला चौराहा से सीएम हाउस की ओर बढ़ रहे थे, पुलिस ने उन्हें जेपी गोलंबर पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी, जिससे पुलिस को फिर से लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान कई अभ्यर्थी घायल हो गए। इसके बावजूद प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए और डाकबंगला चौराहे पर फिर से इकट्ठा हो गए। पुलिस ने यहां भी बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने अंततः वाटर कैनन का उपयोग किया और प्रदर्शनकारियों के साथ धक्का-मुक्की के बाद दूसरी बार लाठीचार्ज किया।
भविष्य पर पानी फेरने वाला बताया फैसला
इस प्रदर्शन में करीब 5000 से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल थे। इन अभ्यर्थियों का आरोप है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 4 अगस्त को किया गया बयान उनके भविष्य पर पानी फेरने वाला है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि TRE-4 परीक्षा 2025 में और TRE-5 परीक्षा 2026 में होगी, और STET परीक्षा TRE-5 से पहले आयोजित की जाएगी। इससे हजारों अभ्यर्थियों को गहरा झटका लगा है, क्योंकि अब STET परीक्षा 2026 तक नहीं हो सकेगी, जबकि पहले इसे TRE-4 से पहले आयोजित किए जाने की उम्मीद थी।
अभ्यर्थियों का क्यों आया गुस्सा
अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि STET परीक्षा TRE-4 से पहले नहीं होती है, तो सत्र 2022-2024 और 2023-2025 के B.Ed और BTC प्रशिक्षु छात्रों को इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर नहीं मिलेगा। इन छात्रों का मानना है कि STET के बिना वे TRE-4 में आवेदन करने के अयोग्य माने जाएंगे, जिससे उनका शिक्षक बनने का सपना टूट जाएगा।
मुलाकात और आगे की रणनीति
प्रदर्शन के दौरान मुख्य सचिव ने पांच कैंडिडेट्स को मिलने के लिए बुलाया था, लेकिन इस मसले पर कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया। प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं की जाती, तो वे संघर्ष को और तेज करेंगे और अन्य जिलों में भी विरोध प्रदर्शन करेंगे। मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारी इस मुद्दे पर विचार करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि उनकी आवाज जल्द सुनी जाए।
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