कुंदन कुमार, पटना. Bihar Health Department: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था के खराब हालत बताए हैं. बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में कैग ने रिपोर्ट पेश किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य व्यवस्था व इलाज के इंतेजमात के हर पहलू की पोल खुली है.

अस्पतालों में आधे से ज्यादा पद खाली

कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि, बिहार में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं. 5 सालों में, जो हालात स्वास्थ्य सेवाओं का है. अस्पतालों में आधे से ज्यादा पद खाली हैं. कई ऐसे अस्पताल है, जहां ऑपरेशन थिएटर नहीं है. तो कहीं वेंटीलेटर बंद है. रिपोर्ट के अनुसार अभी तक 21,745 करोड रुपए स्वास्थ्य विभाग ने खर्च नहीं कर पाया है.

एंबुलेंस से लेकर ब्लड बैंक तक सब बीमार

रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 12,4919 डॉक्टरों की आवश्यकता थी, लेकिन मात्र 58,144 एलोपैथिक डॉक्टर ही उपलब्ध हैं. स्टाफ नर्स की भारी कमी है. खास करके पटना और पूर्णिया में स्टाफ नर्स की काफी कमी है. पटना में स्टाफ नर्स की 18% कमी है, तो पूर्णिया में 72% स्टाफ नर्स की कमी है.

कैग ने अपने रिपोर्ट में एंबुलेंस से लेकर ब्लड बैंक के हालत तक को बीमार बताया है. बिहार सरकार स्वास्थ्य सेवा को ठीक करने के लिए बजट में पैसे का तो खूब प्रावधान किया है, लेकिन विभाग उसे खर्च नही पा रहा है.

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