जहानाबाद। उत्तर प्रदेश के चर्चित ज्योति मौर्या केस की तर्ज पर बिहार के जहानाबाद से भी एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने रिश्तों की निष्ठा और भरोसे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां एक महिला जिसे उसके पति ने मजदूरी कर पढ़ाया और सरकारी नौकरी दिलाई अब उसी पति और बच्चों से दूरी बना चुकी है। मामला जहानाबाद जिले के घोसी थाना क्षेत्र के गजउआ गांव का है। गांव के मंटू कुमार यादव की शादी 2015 में खुशबू कुमारी से हुई थी। उस समय खुशबू सिर्फ 9वीं पास थीं। शादी के बाद मंटू ने मजदूरी और कर्ज लेकर पत्नी की पढ़ाई बीए तक करवाई। इतना ही नहीं, उन्होंने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी कराई, जिससे खुशबू को 2023 में होमगार्ड की नौकरी मिली। इस बीच दंपति के दो बच्चे हुए, जिनकी उम्र 9 और 7 साल है।
10 लाख का लोन और जमीन की कुर्बानी
मंटू का आरोप है कि पत्नी की पढ़ाई और नौकरी के लिए उन्होंने करीब 10 लाख रुपये का लोन लिया और पुश्तैनी जमीन तक बेच दी। लेकिन नौकरी लगने के बाद खुशबू का रवैया पूरी तरह बदल गया। आरोप है कि मायके वालों की मदद से उसी पैसे से उसने अपने नाम पर जमीन भी खरीद ली।
पति और बच्चों से दूरी
नौकरी लगते ही खुशबू ने पति से दूरी बना ली और जहानाबाद शहर में एक किराए के मकान में रहने लगी। आरोप है कि वह वहां होमगार्ड प्रशिक्षक चक्रवर्ती कुमार के साथ रह रही हैं। इतना ही नहीं, दोनों बच्चों को भी नानी के घर छोड़ दिया।
कोर्ट में मामला, तलाक की अर्जी दाखिल
पति मंटू अब अपने बच्चों और अधिकारों के लिए परिवार न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं। वहीं खुशबू कुमारी ने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। हालांकि ऑफ कैमरा उन्होंने स्वीकार किया कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है और तलाक की अर्जी दाखिल की जा चुकी है।
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