पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले प्रशासनिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने रविवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के चार अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इसे चुनावी तैयारियों को सुचारू करने और प्रशासनिक प्रणाली को अधिक सक्रिय बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
अनिल चौधरी को गृह विभाग में नई जिम्मेदारी
मधुबनी नगर निगम के आयुक्त अनिल चौधरी को स्थानांतरित कर गृह विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात किया गया है। नगर निगम में अपने कार्यकाल के दौरान वे स्वच्छता अभियान और बुनियादी विकास कार्यों में सक्रिय रहे हैं। अब गृह विभाग में उनकी नियुक्ति चुनाव से पहले कानून-व्यवस्था की मजबूती के लिहाज से अहम मानी जा रही है।
उपेंद्र प्रसाद बने सामान्य प्रशासन विभाग के अपर सचिव
जहानाबाद के बंदोबस्त पदाधिकारी उपेंद्र प्रसाद को अब सामान्य प्रशासन विभाग में अपर सचिव बनाया गया है। वे अपने कार्यकाल के दौरान भूमि विवाद निपटान और प्रशासनिक पारदर्शिता को लेकर चर्चित रहे हैं। माना जा रहा है कि उनकी नई तैनाती से विभागीय कार्यों में और तेजी आएगी।
संजय कुमार को विकास मिशन की अतिरिक्त जिम्मेदारी
सामान्य प्रशासन विभाग में कार्यरत अपर सचिव संजय कुमार को बिहार विकास मिशन के महाप्रबंधक (GM) के पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। विकास मिशन राज्य सरकार की योजनाओं और परियोजनाओं के समन्वयन में प्रमुख भूमिका निभाता है। संजय कुमार को इससे पहले भी विभिन्न विकास कार्यक्रमों में योगदान देने का अनुभव रहा है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि वे इस भूमिका को भी प्रभावी ढंग से निभाएंगे।
स्पर्श गुप्ता बने बिहार राज्य बीज निगम के प्रबंध निदेशक
किशनगंज के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) स्पर्श गुप्ता का तबादला कर उन्हें बिहार राज्य बीज निगम के प्रबंध निदेशक (MD) के पद पर नियुक्त किया गया है। कृषि क्षेत्र में यह जिम्मेदारी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है, खासकर आगामी रबी फसल को देखते हुए बीज की गुणवत्ता, आपूर्ति और वितरण सुनिश्चित करने के लिहाज से।
चुनाव से पहले प्रशासनिक सुगमता पर जोर
मुख्यमंत्री सचिवालय और कार्मिक विभाग द्वारा जारी इस तबादला सूची को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रशासनिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि जिलों में चुनावी प्रक्रिया की निगरानी और क्रियान्वयन में कोई व्यवधान न आए।
सुशासन का संदेश देना चाहती है सरकार
इन तबादलों से यह भी स्पष्ट होता है कि सरकार केवल चुनावी रणनीति ही नहीं, बल्कि सुशासन और पारदर्शिता के अपने एजेंडे को लेकर भी गंभीर है। नए अधिकारियों की नियुक्ति से प्रशासनिक ऊर्जा में इजाफा होगा और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आने की उम्मीद है।
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