कुंदन कुमार/पटना। बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने – सामने आ गए। राष्ट्रीय जनता दल के नेता ने कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है लेकिन इसे लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर अपनी पीड़ा जाहिर की है। उन्होंने बताया कि मांझी का कहना है कि शराबबंदी के नाम पर सबसे अधिक मार गरीबों पर पड़ रही है। छोटे मामलों में गरीब और वंचित तबके के लोग बड़ी संख्या में जेलों में बंद हैं जबकि अमीर और रसूखदार लोगों के लिए कार्रवाई का पैमाना अलग दिखाई देता है। उन्होंने इसे दोतरफा कार्रवाई करार देते हुए व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए।
सरकार के बचाव में संतोष सुमन
इस मुद्दे पर मांझी के बेटे और मंत्री संतोष सुमन सरकार का पक्ष मजबूती से रखते नजर आए। उन्होंने साफ कहा कि शराबबंदी नीति सही दिशा में है और सरकार इसे प्रभावी ढंग से लागू कर रही है। संतोष सुमन के अनुसार कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है और शराबबंदी से सामाजिक बदलाव भी देखने को मिले हैं।
राजद का तीखा हमला
राष्ट्रीय जनता दल के प्रधान महासचिव रणविजय साहू ने इस पूरे विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी एक अनुभवी नेता हैं और गरीबों के दर्द को दिल से समझते हैं। वहीं संतोष सुमन पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि कुर्सी से चिपके रहने के लिए सब कुछ सही बताया जा रहा है, जबकि जमीनी हकीकत सबके सामने है।
जदयू पर भी आरोप
रणविजय साहू ने यह भी आरोप लगाया कि जदयू के कुछ बड़े नेता शराबबंदी को कहीं न कहीं कमजोर करने में जुटे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपने को चकनाचूर कर रहे हैं। उनका कहना है कि नीति की मंशा भले अच्छी हो, लेकिन अमल में खामियां साफ दिख रही हैं।
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