पटना। बिहार सरकार पूरे राज्य में आधुनिक सुविधाओं से लैस 40 शवदाह गृह बना रही है। इनमें से 20 शवदाह गृहों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है जिनकी फिनिशिंग अंतिम चरण में है। पूरा होने के बाद इन्हें जल्द ही जनता के लिए खोल दिया जाएगा। सभी नए केंद्रों में इलेक्ट्रिक क्रिमेशन और पारंपरिक दाह-संस्कार दोनों की सुविधा उपलब्ध होगी।
12 जिलों में निर्माण पूरा
12 जिलों में 20 तैयार शवदाह गृहों में से अधिकांश का निर्माण पूरा किया जा चुका है। इनमें सारण (3.65 करोड़), गोपालगंज (3.58 करोड़), किशनगंज (4.6 करोड़), दरभंगा (8.20 करोड़), सीवान (8.07 करोड़), अररिया (4.25 करोड़), कटिहार (3.85 करोड़), पश्चिम चंपारण (5.97 करोड़), सहरसा (8.38 करोड़), समस्तीपुर (1.76 करोड़), बेगूसराय (8.91 करोड़) और खगड़िया (4.69 करोड़) शामिल हैं। सभी जगह आधुनिक मशीनरी, साफ-सफाई की व्यवस्था और पर्यावरणीय मानकों का ध्यान रखा गया है।
तेजी से चल रहा काम
दक्षिण बिहार में भी नए शवदाह गृह तेजी से आकार ले रहे हैं। पटना में 89.40 करोड़ रुपए की लागत से बांस घाट में अत्याधुनिक शवदाह गृह बनाया जा रहा है। परिसर में दो विशेष तालाब बनाए गए हैं, जिनमें पाइपलाइन से गंगा का पानी लाया जाएगा। यहां दो प्रवेश द्वार मोक्ष द्वार और बैकुंठ द्वार बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा जहानाबाद (7.89 करोड़), अरवल (3.91 करोड़), रोहतास (4.06 करोड़), नालंदा (7.70 करोड़), गया (3.36 करोड़), भागलपुर (9.38 करोड़) और आरा (3.77 करोड़) में भी निर्माण पूरा हो चुका है।
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