Bihar Monsoon Session: बिहार विधानसभा में मंगलवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्ष ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। जैसे ही दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एसआईआर को लोकतंत्र विरोधी करार देते हुए इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की।

…तो फिर कहां करेंगे चर्चा?

तेजस्वी यादव ने कहा कि यह मामला सीधे-सीधे राज्य के मतदाताओं से जुड़ा है और जब जनता के अधिकारों पर सवाल उठेगा, तो उसकी चर्चा सबसे पहले विधानसभा में होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “बिहार लोकतंत्र की जननी रहा है, लेकिन आज इसी बिहार में लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास हो रहा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग द्वारा अपनाई गई एसआईआर की प्रक्रिया मतदाताओं के हित में नहीं है और इससे कई वोटरों के नाम सूची से हटाए जा सकते हैं।

तेजस्वी ने जोर देते हुए कहा कि, यदि मतदाता सूची से नाम ही हटा दिए जाएंगे तो चुनाव की प्रक्रिया का क्या अर्थ रह जाएगा। उन्होंने कहा, “अगर विधानसभा में हम इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करेंगे तो फिर कहां करेंगे?”

सिर्फ 49 मिनट चली सदन की कार्यवाही

हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कार्यवाही की शुरुआत में विपक्षी सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर दिया गया था, लेकिन उन्होंने उस समय कोई बात नहीं रखी। अध्यक्ष द्वारा चर्चा की अनुमति न दिए जाने पर विपक्षी सदस्य आक्रोशित हो उठे और सदन में जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अगले दिन बुधवार की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस तरह आज सदन की कार्यवाही सिर्फ 49 मिनट ही चली।

SIR पर विशेष चर्चा की मांग

वहीं, विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी ने कहा कि, “SIR को लेकर हमने कई बार अपत्ति जताई है। कुछ ऐसें दस्तावेज हैं, जो गरीबों के पास नहीं है, जो बाहर काम करने जाते हैं, वो कैसे वोटर बनेंगे? तो एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है और आज हम सभी INDIA गठबंधन के लोगों ने कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने का काम किया ताकि इस पर विशेष तौर पर चर्चा हो सके। ताकि सभी बात सामने आए।”

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