बलिया. प्रकृति की मार भी प्रेम और रिश्तों के आगे हार मान गई। बिहार के बक्सर जिले के सिमरी दियारा क्षेत्र से एक अनोखी बारात उत्तर प्रदेश के बलिया जिले पहुंची, लेकिन इस बार बाराती घोड़े या गाड़ियों में नहीं, बल्कि नाव से सवार होकर आए।
पूरा इलाका इन दिनों गंगा नदी की बाढ़ से जलमग्न है। सड़क मार्ग पूरी तरह डूब चुका है, जिससे आम आवाजाही ठप हो गई है। लेकिन इन विषम परिस्थितियों के बावजूद न तो शादी टली और न ही रिश्तों की डोर कमजोर पड़ी।
बारात को बलिया के बेयासी गांव तक पहुंचाने के लिए नावों का सहारा लिया गया। दूल्हा और बाराती गंगा के उफनते पानी को पार करते हुए नाव से दुल्हन के गांव पहुंचे। जलभराव से जूझते हुए भी परिजनों ने शादी को रद्द नहीं किया और तय समय पर शादी की रस्में पूरी की गईं।
स्थानीय लोग इस अनोखी बारात को देखने उमड़ पड़े। किसी ने इसे साहस कहा तो किसी ने प्रेम की मिसाल बताया। बाढ़ के पानी से चारों तरफ घिरे क्षेत्र में यह शादी चर्चा का विषय बन गई है।
दूल्हे के पिता कमलेश राम ने बताया कि शादी की तारीख पहले से तय थी और बाढ़ आने की आशंका तो थी, लेकिन इस तरह के हालात होंगे, इसका अंदाज़ा नहीं था। बावजूद इसके, दोनों परिवारों ने मिलकर साहसिक निर्णय लिया और शादी की रस्में पूरी कीं।
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