बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। चुनाव आयोग ने उन्हें दो दिनों के भीतर अपनी वोटर आईडी जमा करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में आयोग ने तेजस्वी को दूसरा नोटिस जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि समयसीमा में जवाब नहीं देने की स्थिति में उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
क्या है मामला?
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग को जानकारी मिली थी कि तेजस्वी यादव दो अलग-अलग स्थानों पर वोटर के रूप में पंजीकृत हैं। इसी आधार पर पहले उन्हें एक नोटिस भेजा गया था, जिसमें स्पष्ट किया गया कि यदि उन्होंने दोहरी मतदाता सूची में नाम दर्ज कराया है, तो यह चुनाव आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 का उल्लंघन हो सकता है।
पहले नोटिस का समय बीत जाने के बाद अब आयोग ने तेजस्वी को दूसरा नोटिस भेजा है, जिसमें कहा गया है कि वे दो दिनों के भीतर जवाब दें और विवादित वोटर आईडी सरेंडर करें, अन्यथा आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
क्या कहती है कानून व्यवस्था?
भारतीय कानून के अनुसार, एक नागरिक का नाम केवल एक ही निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर दो जगहों पर नाम दर्ज करवाता है, तो यह अपराध की श्रेणी में आता है और सजा भी हो सकती है।
तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया?
अब तक तेजस्वी यादव या उनकी पार्टी राजद की ओर से इस नोटिस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, राजनीतिक हलकों में इसे लेकर चर्चाएं तेज हैं कि क्या यह मुद्दा किसी बड़ी कार्रवाई की ओर इशारा कर रहा है या फिर केवल तकनीकी त्रुटि है।
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