बिहार के आरा में एक फर्जी दरोगा को रियल महिला इंस्पेक्टर से आशिकी करना भारी पड़ गई. दरअसल, बेरोजगार युवक महिला दरोगा से बातचीत करने के लिए फर्जी दरोगा बन गया. फर्जी दरोगा बन युवक लगातार एक महीने से फोन पर और सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो कॉल पर बात करता रहा. महिला दरोगा को शक हुआ, तो अपने थाने में ही बुलाकर अरेस्ट कर लिया.
पूरा मामला भोजपुर जिले के बिहिया थाना से जुड़ा हुआ है. यहां बिहियां थाने में तैनात एक नए बैच की महिला दरोगा को फर्जी दरोगा अपने झांसे में लेकर एक महीने से लगातार बातचीत करता रहा. खुद को फर्जी दरोगा रोहतास जिले के बिक्रमगंज थाना में पदस्थ बताता रहा.
इधर, महिला दरोगा को बातचीत के दौरान जब शक हुआ, तो वह बिक्रमगंज थाने में युवक के बारे में पता किया. पता चला कि वहां इस नाम का कोई व्यक्ति दरोगा नहीं है. इसके बाद बिहियां बुलाकर बिहियां थाना प्रभारी की मदद से उसे गिरफ्तार किया गया.
महिला इंस्पेक्टर से हो गया था प्यार
गिरफ्तार फर्जी दरोगा गड़हनी थाना क्षेत्र के मदुरा गांव का रहने वाला है. जिसकी पहचान अनिल कुमार सिंह के रूप में हुई है. फर्जी दरोगा राकेश कुमार सिंह को महिला दरोगा से प्रेम हो गया था, लेकिन महिला दरोगा से बातचीत नहीं हो पाती थी. जिसके बाद राकेश ने मनगढ़ंत कहानी बनाया और खुद को दरोगा बताते हुए महिला दरोगा से संपर्क साधा और बताया कि वह 2019 बैच का उसका बैचमेट है.
पत्नी को भी धोखे में रखा
गिरफ्तार फर्जी दरोगा शादीशुदा है. वह लगातार अपनी पत्नी को भी झूठ बोलकर धोखे में रखा. आरोपी ने पत्नी को बताया कि वह टेक्नीशियन है, लेकिन जब पूछताछ की गई, तो बताया कि वह टेक्नीशियन भी नहीं है. गिरफ्तार फर्जी दरोगा दूसरे के ज्वॉइनिंग लेटर को अपना ज्वॉइनिंग लेटर बताकर सोशल मीडिया पर भी पोस्ट करता था. यहां तक कि 2019 बैच के दरोगा के साथ फोटो और सेल्फी लेकर महिला दरोगा को विश्वास में ले लिया था कि वह उसके 2019 बैच का दरोगा है.
इसे भी पढ़ें: इंस्पेक्टर को डिप्टी कलेक्टर महिला अधिकारी से हुआ प्यार, भेजा ‘I Love You’ का मैसेज, फिर…
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें