Bihar News: बिहार की राजधानी पटना से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए भेजी गई राहत राशि मृत व्यक्तियों के बैंक खातों में भी चली गई। मामला बख्तियारपुर दियारा इलाके के कई पंचायतों का है।

बाढ़ प्रभावितों को भेजे गए 7-7 हजार

जानकारी के मुताबिक हरदासपुर दियारा, कालादियारा, रूपस महाजी, चिरैया रूपस और रामनगर सतभैया पंचायत में बाढ़ प्रभावितों को सात-सात हजार रुपये की सहायता राशि दी गई। लेकिन जब खातों में पैसे पहुंचे तो पता चला कि जिन लोगों का सालों पहले निधन हो चुका है, उनके नाम भी लाभार्थियों की सूची में शामिल थे और उनके खातों में भी पैसे भेज दिए गए।

स्थानीय प्रतिनिधियों ने उठाए सवाल

हरदासपुर दियारा के मुखिया मनोज कुमार ने आरोप लगाया कि बाढ़ पीड़ितों की सूची बिना जांच-पड़ताल के तैयार की गई। न तो अनुश्रवण समिति से राय ली गई और न ही मुखिया या परिवार से कोई जानकारी मांगी गई। उन्होंने बताया कि ,केवल उनके पंचायत में ही करीब सौ ऐसे नाम शामिल हैं जो या तो इस गांव के निवासी ही नहीं हैं या फिर उनकी मौत हो चुकी है।

मुखिया ने यह भी कहा कि, कई वार्डों में पति-पत्नी दोनों को ही राहत राशि दे दी गई है। उन्होंने जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और मांग की कि आगे से पंचायत स्तर पर पूरी तरह से सत्यापन प्रक्रिया अनिवार्य की जाए।

सीओ ने दिया जांच का भरोसा

बख्तियारपुर के सीओ ने माना कि मृतकों और पति-पत्नी दोनों के खातों में राशि जाने की शिकायत मिली है। उन्होंने कहा कि, पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जांच के बाद गलत तरीके से भेजी गई राशि वापस ली जाएगी।

मामले के उजागर होने के बाद अब प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर राहत राशि की सूची बनाने में इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे हो गई। वहीं, स्थानीय प्रतिनिधियों का कहना है कि अगर राहत राशि वितरण से पहले पंचायत स्तर पर सत्यापन और अनुश्रवण समिति की भागीदारी सुनिश्चित की जाती, तो ऐसी स्थिति नहीं बनती।

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