पटना. बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जहां एक ओर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है, वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार के मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संस्थापक जीतन राम मांझी ने बुधवार को मतदाता सूची की पवित्रता का जोरदार बचाव किया।
उन्होंने कहा कि जो नाम गलत थे, मृत लोगों के नाम थे या दोहराव था, उन्हें सूची से हटा दिया गया है और अब की वोटर लिस्ट “गंगा जल जैसी पवित्र” बन चुकी है।
मांझी ने कहा कि “जो जिनका गलत नाम था, मरे हुए थे, दोहरा नाम था — सब काटा गया है। ये वोटर लिस्ट गंगा के जल जैसे पवित्र बनकर आया है और ये जो चुनाव होगा, बहुत निष्पक्ष तरीके से होगा।”
SIR पर लगातार हो रही है सियासत
बता दें कि चुनाव आयोग की ओर से बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) के तहत अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की गई है। इस प्रक्रिया में लाखों फॉर्म की जांच की गई और बड़ी संख्या में ऐसे नाम हटाए गए जिन्हें या तो मृतक, डुप्लीकेट या अयोग्य पाया गया।
हालांकि, कांग्रेस, राजद और वाम दलों ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया है कि यह कार्रवाई एक खास वर्ग और समुदाय को टारगेट करने के लिए की गई है।
“चुनाव होंगे पूरी तरह निष्पक्ष”- मांझी
अपने बयान में जीतन राम मांझी ने यह भी स्पष्ट किया कि अब जो चुनाव होगा, वह पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी होगा क्योंकि मतदाता सूची में किसी प्रकार की धांधली या गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं बची है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जिन्हें अब हार दिखाई दे रही है, वही इस पवित्र मतदाता सूची पर सवाल उठा रहे हैं।
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