बगहा। बिहार के पश्चिम चंपारण जिले का बगहा क्षेत्र एक बार फिर चर्चा में है। यहां के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग बगहा को राजस्व जिला बनाए जाने की एक बार फिर जोर पकड़ रही है। हर चुनावी मौसम में यह मुद्दा सुर्खियों में आ जाता है, पक्ष हो या विपक्ष, सभी पार्टियां इसे लेकर जनता से वादे करती हैं। लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद यह मुद्दा फिर ठंडे बस्ते में चला जाता है।
”मिनी चंबल” के नाम से जाना जाता था
बगहा को कभी “मिनी चंबल” के नाम से जाना जाता था, क्योंकि यहां पर आपराधिक घटनाएं आम बात थीं। हालांकि, पुलिस जिला बनने के बाद हालात में काफी हद तक सुधार हुआ है। प्रशासनिक निगरानी और कानून व्यवस्था में सुधार ने क्षेत्र को स्थिरता दी है। लेकिन अब यहां के लोग बगहा को एक पूर्ण राजस्व जिला बनाए जाने की मांग कर रहे हैं, जिससे न केवल प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि विकास के नए रास्ते भी खुलेंगे।
विकास योजनाओं का विस्तार भी तेज़ी से होगा
स्थानीय लोगों का मानना है कि बगहा का भौगोलिक क्षेत्रफल और जनसंख्या इतनी है कि इसे स्वतंत्र जिला बनाने का पूरा हक है। वर्तमान में लोगों को ज़रूरी सरकारी कामों के लिए पश्चिम चंपारण (बेतिया) जाना पड़ता है, जो न केवल समय लेने वाला है, बल्कि खर्चीला भी है। यदि बगहा को जिला घोषित कर दिया जाए, तो न केवल प्रशासनिक सहूलियत बढ़ेगी बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, रोजगार और अन्य विकास योजनाओं का विस्तार भी तेज़ी से होगा।
जनता को आशा है
इस मांग को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों और स्थानीय नेताओं ने कई बार आंदोलन, ज्ञापन और प्रदर्शन किए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय सरकार की ओर से नहीं आया है। जनता को आशा है कि सरकार इस बार उनकी वर्षों पुरानी मांग को गंभीरता से लेगी।
बगहा के लोग चाहते हैं कि चुनावी वादों को धरातल पर लाया जाए और बगहा को जल्द से जल्द एक स्वतंत्र जिला घोषित किया जाए। ऐसा होने से न केवल क्षेत्रीय संतुलन बेहतर होगा बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास को भी नई दिशा मिलेगी। अब देखना यह है कि सरकार कब तक इस मांग पर संज्ञान लेती है और बगहा को उसका अधिकार मिलता है या नहीं।
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