पटना। बिहार सरकार ने पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक अहम निर्णय लिया है। अब त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरियों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को आत्मरक्षा के लिए वैध हथियार रखने की अनुमति दी जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर इस निर्णय को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
राज्य सरकार ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों (DM) और पुलिस अधीक्षकों (SP) को यह आदेश दिया है कि यदि कोई जन प्रतिनिधि हथियार लाइसेंस के लिए आवेदन करता है, तो उसकी जांच समय पर की जाए और नियमानुसार उसे प्रक्रिया के तहत निपटाया जाए।

सुरक्षा देना हो गया जरूरी

सरकार का मानना है कि पंचायत प्रतिनिधियों को अक्सर अपने क्षेत्र में अपराधियों और दबंगों से खतरा रहता है, जिससे उनकी सुरक्षा पर सवाल उठते हैं। ऐसे में उन्हें लाइसेंसी हथियार रखने की सुविधा देना उनकी सुरक्षा के लिहाज से जरूरी हो गया है। यह फैसला राज्य भर के हजारों जनप्रतिनिधियों को राहत देने वाला माना जा रहा है।

हर पंचायत को मिलेगा विवाह भवन

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए एक और बड़ा फैसला किया है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना’ को हरी झंडी दे दी गई है। इस योजना के तहत बिहार की हर पंचायत में अब विवाह भवन बनाया जाएगा।

गरीब परिवारों को होती थी परेशानी

गांवों में शादी-ब्याह जैसे आयोजनों के लिए जगह की कमी अक्सर देखने को मिलती है, जिससे गरीब परिवारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस योजना के जरिए उन परिवारों को एक स्थायी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वे अपनी बेटियों की शादी गरिमा के साथ कर सकें ।राज्य सरकार ने इस योजना के लिए कुल 40 अरब 26 करोड़ 50 लाख रुपये की मंजूरी दी है। यह राशि राज्य की सभी पंचायतों में विवाह भवनों के निर्माण पर खर्च की जाएगी।

नीतीश सरकार की पहल

यह योजना न केवल विवाह समारोहों के लिए उपयोगी होगी, बल्कि इससे गांवों में अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के लिए भी एक स्थायी ढांचा खड़ा होगा। नीतीश सरकार की यह पहल गांवों की सामाजिक जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।