कुंदन कुमार, पटना। बिहार के कुल 968 सीसीटीएनएस आच्छादित थानों के द्वारा स्टेशन डायरी, प्राथमिकी एवं अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सीसीटीएनएस पोर्टल पर ससमय डिजिटल प्रारूप में प्रविष्टियां की जा रही हैं। जिलों के सीसीटीएनएस आच्छादित थानों के द्वारा आईसीजेएस पोर्टल पर यह लॉग इन पर उपलब्ध है।
24 घंटे होगी निगरानी
सर्वोच्य न्यायालय के निदेश के आलोक में बिहार राज्य के कुल 1212 पुलिस थाना व ओपी में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। कुल 176 थाना व ओपी में कैमरों की स्थापना की प्रक्रिया प्रगति पर है। पुलिस मुख्यालय में एक नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है, जो पूरे सप्ताह 24 घंटे कार्यरत है। जिसमें सीसीटीवी से संबंधित आने वाली समस्याओं का निराकरण किया जाता है। बिहार पुलिस नवीन तकनीकों को अपनाकर जनता को बेहतर सेवाएं देने हेतु प्रतिबद्ध है।
SMS सेवा से जुड़े 8661 पदाधिकारी
राज्य के नवसृजित व नवउत्क्रमित 373 पुलिस थानों व प्रतिष्ठानों को सीसीटीएनएस परियोजना से आच्छादित करने हेतु इन थानों में हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर साइट तथा नेटवर्क से जुड़ाव की निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित करने की कार्रवाई की जा रही है। राज्य पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुल 8661 अन्वेषण पदाधिकारियों को एसएमएस सेवा से जोड़ा गया है। उक्त कार्य हेतु कुल 4344 मोबाइल व लैपटॉप की खरीद सीआईडी के द्वारा की गई है।
CCTNS से जीरो एफआईआर की स्थिति
सीसीटीएनएस से जीरो एफआईआर की स्थिति इस प्रकार है। 01-07-2024 से 31-12-2024 तक कुल 627 जीरो एफआईआर दर्ज की गई है। जबकि 01.01.2025 से 27.07.2025 तक कुल 751 जीरो एफआईआर दर्ज किए गए हैं। 1 जुलाई, 2024 से 27 जुलाई, 2025 के बीच कुल 1378 जीरो एफआईआर दर्ज किए गए हैं। विगत सप्ताह अभियान चलाकर सभी भारतीय पुलिस सेवा के क्षेत्रीय पदाधिकारियों को सीसीटीएनएस का प्रशिक्षण नियंत्री पदाधिकारी के तौर पर दिया गया है।
अगले एक महीने में लागू होगा सिटिजन सर्विस पोर्टल
नागरिकों को सरल और सुरक्षित सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक समर्पित पोर्टल प्रारंभ किया जा रहा है। जिसमें निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
प्री-लॉगिन पर उपलब्ध हैं ये सेवाएं
- प्राथमिकी की प्रति प्राप्त करना, 2. गोपनीय सूचना देना, 3. अपराधी तथा इनाम घोषित अपराधियों की जानकारी प्राप्त करना।
पोस्ट-लॉगिन सेवाएं - गुम या खोई संपत्ति की रिपोर्ट दर्ज करना, 2. गुमशुदा व्यक्ति की रिपोर्ट,
- घरेलू सहायकों का सत्यापन, 4. चालक सत्यापन, 5. ई-शिकायत दर्ज करना, 6. वरिष्ठ नागरिक पंजीकरण, 7. किरायेदार सत्यापन, 8. अज्ञात व्यक्ति की जानकारी, 9. गुम/खोई/बरामद संपत्ति संबंधी सूचना, 10. अज्ञात शव की रिपोर्ट, 11. गिरफ्तार/वांछित व्यक्ति की जानकारी और 12. गुमशुदा व्यक्ति की तलाश।
ई-समन प्रणाली
इस वर्ष 18 एवं 25 जुलाई को जिला एसपी, एसएसपी, डीएसपी, मुख्यालय अभियोजन प्रभारी को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। विगत 1 जून से 28 जुलाई के बीच कुल 54717 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के स्टेजिंग वातावरण में उपलब्ध पोस्टमार्टम एवं एमएलसी मॉड्यूल का सीसीटीएनएस से एकीकरण व परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है। अग्रिम कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग के द्वारा की जानी है।
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