नवादा : बिहार की राजनीति में कब क्या मोड़ आ जाए, कहना मुश्किल है। चुनावी साल में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान की अचानक हुई मुलाकात ने राज्य की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।
गर्मजोशी से हाथ मिलाते हुए एक-दूसरे को गले लगाया
यह मुलाकात नवादा जिले के कौआकोल प्रखंड के पांडेय गंगौट गांव में हुई, जहां दोनों नेता शहीद मनीष कुमार को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। तेजस्वी यादव जहां श्रद्धांजलि देकर लौट रहे थे, वहीं चिराग पासवान वहां पहुंच रहे थे। इसी दौरान दोनों नेताओं का आमना-सामना हुआ और फिर गर्मजोशी से हाथ मिलाते हुए एक-दूसरे को गले लगाया और हाल-चाल जाना।
चुनावी वर्ष में इसकी राजनीतिक अहमियत
हालांकि यह मुलाकात चंद मिनटों की थी, लेकिन चुनावी वर्ष में इसकी राजनीतिक अहमियत को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं।
शहीद मनीष कुमार के परिवार को हर संभव सहायता
इस मौके पर चिराग पासवान ने शहीद मनीष कुमार के परिवार को हर संभव सहायता देने की बात कही। उन्होंने कहा,
“मनीष ने देश के लिए जान दी है। ऐसे शहीदों के परिवारों की जिम्मेदारी हम सभी की है। सरकार को उनके लिए हर संभव कदम उठाना चाहिए।”
वहीं, तेजस्वी यादव ने शहीदों के सम्मान की बात उठाते हुए अर्धसैनिक बलों को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा कि “सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच शहादत के बाद मिलने वाले सम्मान और सुविधाओं में भेदभाव उचित नहीं है।”
दोनों नेताओं की मुलाकात और शहीदों के प्रति समान चिंता ने जहां राजनीतिक हलकों में कई संभावनाओं को जन्म दिया है, वहीं इसने बिहार की चुनावी फिजा में हलचल जरूर बढ़ा दी है।
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