सोहराब आलम/ मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। कैग (CAG) रिपोर्ट के सार्वजनिक होते ही बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। रिपोर्ट में राज्य सरकार की वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर उठाए गए सवालों को विपक्षी दलों ने तुरंत लपक लिया है और नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला है। इसी कड़ी में पूर्वी चंपारण जिला कांग्रेस कमिटी ने मोतिहारी स्थित अपने कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सरकार को कठघरे में खड़ा किया।

सबसे बड़ा आर्थिक अपराध

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष इंजीनियर शशिभूषण राय उर्फ गप्पू राय ने कहा कि कैग रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आए हैं, वे आज़ाद भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक अपराध दर्शाते हैं। उन्होंने दावा किया कि नीतीश सरकार ने 70 हजार करोड़ रुपये की सरकारी योजनाओं में गबन किया है, जिसकी पोल कैग रिपोर्ट ने खोल दी है।

योजनाएं कागजों पर ही पूरी

गप्पू राय ने कहा कि बिहार में पुल, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसी योजनाएं कागजों पर ही पूरी कर दी गईं। इन योजनाओं से संबंधित उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) तक सरकार द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे जाहिर होता है कि काम सिर्फ फाइलों में हुआ, जमीन पर नहीं।

जनता के साथ धोखा

उन्होंने आगे कहा कि यह मामला केवल वित्तीय गड़बड़ी का नहीं, बल्कि राज्य की जनता के साथ धोखा है। उन्होंने नीतीश सरकार से जवाबदेही तय करने और मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर पूरे राज्य में आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है। आने वाले दिनों में यह विवाद बिहार की सियासत को और भी गर्मा सकता है।